अपने बेहद सख्त नियम कानूनों के लिए चर्चित सऊदी अरब में शनिवार को 81 लोगों को मौत की सजा दी गई. अरब देश के हालिया इतिहास में एकसाथ इतने लोगों को सूली पर चढ़ाने का यह रिकॉर्ड है. जिन लोगों को ये सजा दी गई, उन पर दुष्कर्म, हत्या, पूजास्थलों पर हमला, आतंकवादियों से संबंध जैसे कई संगीन अपराध साबित हुए थे. इनमें आतंकवादी संगठन अल कायदा , इस्लामिक स्टेट और हूती से जुड़े लोग भी थे.
सऊदी प्रेस एजेंसी ने सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय के हवाले से बताया कि मौत की सजा पाने वाले इन लोगों में 73 सऊदी नागरिक थे. सात यमन के थे और एक सीरिया का था. इन लोगों पर धार्मिक स्थलों व सरकारी संस्थानों को निशाना बनाने, सुरक्षा अधिकारियों की हत्या करने, अपहरण, टॉर्चर, रेप आदि आरोप थे. इसके अलावा देश में अराजकता फैलाने के इरादे से हथियारों की तस्करी करने के जुर्म भी साबित हुए थे.वैसे तो सऊदी अरब अपने बेहद कड़े कानूनों के लिए जाना जाता है, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर कैदियों को मौत की सजा पहली बार दी गई है. इससे पहले 63 लोगों के सिर कलम करने का रिकॉर्ड 1980 में बना था. तब एकसाथ इतने लोगों को मौत की सजा मक्का मस्जिद पर कब्जे के बाद दी गई थी. 1979 में सऊदी प्रचारक जुहेमान अल-ओतायबी के नेतृत्व में करीब 200 सलाफी मुसलमानों ने मक्का मस्जिद पर कब्जा करके सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. हाल के आंकड़े देखें तो 2019 में सऊदी अरब में 37 लोगों को मौत की सजा दी गई थी. 2016 की जनवरी में 47 लोगों के सिर कलम किए गए थे. बता दें कि सऊदी अरब दुनिया में सबसे ज्यादा मौत की सजा देने वाले देशों में शामिल है.
एकसाथ 81 लोगों को मौत की सजा दिए जाने पर सवाल भी उठ रहे हैं. कुछ संगठन इन लोगों को सुनवाई का पूरा मौका न दिए जाने का आरोप लगा रहे हैं. हालांकि सऊदी अरब ने इससे इनकार किया है. सऊदी मीडिया के मुताबिक, सरकार ने कहा है कि आरोपियों को अपना पक्ष रखने के लिए वकील दिया गया था. न्यायिक प्रक्रिया का पालन किया गया. 13 जजों ने तीन स्तरों पर सुनवाई के बाद इन लोगों को दोषी पाया था.