प्यार और शादी जैसी चीज़ों में सरहदों का कोई मतलब नहीं होता है, लेकिन जब ये रिश्ते टूटने लगते हैं, तो सरहद ज़रूर मायने रखती है. कम से कम इज़रायल में कोर्ट ने जो सज़ा सुनाई, उससे तो यही कहा जा सकता है. यहां एक कपल का तलाक हुआ तो कोर्ट ने पति को ज़िंदगी भर कैद रहने की सज़ा दे दी.
हर देश में तलाक के कानून अलग-अलग होते हैं. इन्हें लेकर 5-10-20 साल की सज़ा तो ठीक है, लेकिन अगर किसी को तलाक के बदले उसकी उम्र से ज्यादा की सज़ा सुना दी जाए, तो केस अजीब हो जाता है. एक ऑस्ट्रेलियन शख्स को इज़रायल की कोर्ट ने 8000 साल तक इज़रायल में रहने का आदेश दिया है.
प्यार और शादी जैसी चीज़ों में सरहदों का कोई मतलब नहीं होता है, लेकिन जब ये रिश्ते टूटने लगते हैं, तो सरहद ज़रूर मायने रखती है. कम से कम इज़रायल में कोर्ट ने जो सज़ा सुनाई, उससे तो यही कहा जा सकता है. यहां एक कपल का तलाक हुआ तो कोर्ट ने पति को ज़िंदगी भर कैद रहने की सज़ा दे दी.
हर देश में तलाक के कानून अलग-अलग होते हैं. इन्हें लेकर 5-10-20 साल की सज़ा तो ठीक है, लेकिन अगर किसी को तलाक के बदले उसकी उम्र से ज्यादा की सज़ा सुना दी जाए, तो केस अजीब हो जाता है. एक ऑस्ट्रेलियन शख्स को इज़रायल की कोर्ट ने 8000 साल तक इज़रायल में रहने का आदेश दिया है.
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने उठाई आवाज़
इस शख्स की शादी इज़रायली महिला से हुई और वो साल 2012 से यहां एनालिटिकल कैमिस्ट के तौर पर एक फार्मा कंपनी में नौकरी करता है. इसी बीच उसकी पत्नी ने कोर्ट में उसके खिलाफ तलाक का केस कर दिया. अब इस सज़ा के तहत ये शख्स छुट्टियां मनाने और किसी अन्य काम से भी बाहर नहीं जा सकता. सज़ा को लेकर कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने आवाज़ उठाई है, लेकिन अब तक इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. अगर ये सज़ा कायम रही तो इस शख्स को ज़िंदगी में कभी भी अपने वतन जाने का मौका नहीं मिल पाएगा.