स्विस बैंक में जमा भारतीयों के कालेधन का पता एक बार फिर से चलने वाला है क्योंकि स्विस बैंक भारतीय खातों की तीसरी लिस्ट इस महीने में भारत सरकार को सौंपेगा. बताया जा रहा है कि 2020 तक स्विस बैंक में भारतीय खातों में 20 हज़ार 700 करोड़ से ज़्यादा की रक़म थी, लेकिन ये रक़म वैध है या अवैध इसका ख़ुलासा होना बाकी है. भारत सरकार को – इस बार की जानकारी में अचल संपत्ति भी शामिल हो सकती है. स्विट्ज़रलैंड सरकार से AEOI संधि के तहत जानकारी हासिल हो रही है.
मोदी सरकार के कालाधन वापस लाने के वादे के बीच स्विस बैंक में पहुंचे 27 हजार करोड़ रुपये
पहली बार अचल संपत्ति की जानकारी मिलेगी
सूत्र बता रहे हैं कि इस बार बैंक से जो जानकारी मिलने वाली है. वो सिर्फ धनराशि की नहीं बल्कि किसके पास कितने फ्लैट,प्लॉट या दूसरी संपत्ति है इसका भी ख़ुलासा होगा जिससे ये रकम बढ़ने की उम्मीद है, भारत में रह रहे टैक्स चोरी कर खरीदी गई संपत्ति जिसकी भी होगी उसके लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी होने वाली हैं.
स्विट्ज़रलैंड सरकार से सूचनाओं के आदान-प्रदान को लेकर भारत सरकार ने स्विट्ज़रलैंड के साथ एक समझौता किया था जिसके तहत कोई भी फाइनेंशियल डिटेल भारत सरकार के साथ साझा की जा सकती है इसको देखते हुए 2019 से लगातार स्विस बैंक तमाम देशों को उनके नागरिकों के बैंक खातों की जानकारी मोहइय्या करा रहा है. भारत में सितंबर 2019 में स्विस बैंक ने पहली लिस्ट जारी की थी जिसे फिलहाल गुप्त रखा गया है हालांकि अब हर साल ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन के तहत जानकारी मिलती रहेगी
2019 में खुलासे से पता चला था कि स्विस बैंक में भारतीयों का 6,625 करोड़ जमा थे जो 2020 में बढ़कर 20 हज़ार 700 करोड़ तक पहुंच गए, जो पहले से 200% ज़्यादा था, 2021 में इस बार जानकारी के तहत चल-अचल संपत्ति के खुलासे से रकम के बढ़ने की उम्मीद है.
भारत सहित करीब 86 से ज़्यादा देशों को AEOI समझौते के तहत जानकारी दी जा रही है इसके पीछे की वजह है कि स्विस बैंक अपनी छवि भी साफ करना चाहता है क्योंकि कालेधन की बात सामने आते ही स्विज़ बैंक का ज़िक्र होने लगता रहा है जिससे स्विस बैंक की छवि पर बट्टा लगता रहा.
स्विस बैंक में जमा धनराशि के खुलासे से भारत में हमेशा हड़कंप मचा, क्योंकि इसमें कई उद्योगपतियों से लेकर फ़िल्म जगत, राजनीति से जुड़े नेताओं संस्थाओं के नाम पाए जाते रहे हैं लेकिन इस बार लिस्ट बहुत लंबी होने वाली है.
ऐसा नहीं है कि स्विस बैंक में जमा सारी धनराशि कालाधन ही होती है, दरअसल जो रक़म टैक्स के दायरे में आने के बावजूद सीधे स्विस बैंकों में बिना जानकारी उस धनराशि पर बिना कर चुकाए जमा की जाए व कालेधन के तौर पर जानी जाती है जिससे भारत का खासा नुकसान भी होता रहा है, इस रकम का सोर्स भारत की एजेंसी चेक करती हैं अगर उसपर टैक्स जमा होता है तो उसे कालाधन नहीं माना जाता.