‘सायरा ने जब कहा- धरम, देखो साहब ने पलक झपकायी है… मेरी जान ही निकल गयी’

दिलीप कुमार के जाने से वैसे तो सिनेमा से जुड़ा हर शख़्स ग़मज़दा है, मगर धर्मेंद्र के दुख का कोई पारावार नहीं है। दिलीप कुमार को अपने बड़े भाई जैसा मानने वाले धर्मेंद्र निधन की ख़बर पाते ही उनके घर पहुंच गये थे।

अपने आदर्श को ज़मीन पर ख़ामोश लेटा देख धर्मेंद्र का दुख उस तस्वीर से पता चलता है, जो उन्होंने ट्विटर पर शेयर की है। दिलीप कुमार के चेहरे को दोनों हाथों में थामे धर्मेंद्र का दर्द उनकी आंखों से छलक रहा है। धर्मेंद्र ने इस तस्वीर के साथ जो लिखा, उसे पढ़कर कोई भी इमोशनल हो जाएगा। 

धर्मेंद्र ने जो लिखा है, उससे लगता है कि सायरा बानो को आख़िरी वक़्त तक यह लगता रहा कि उनके साहब अभी उठ बैठेंगे। धर्मेंद्र ने लिखा- सायरा ने जब कहा, ‘धरम, देखो साहब ने पलक झपकायी है’, दोस्तों जान निकल गयी मेरी। मालिक़ मेरे प्यारे भाई को जन्नत नसीब करे। धर्मेंद्र आगे लिखते हैं- दोस्तों, मुझे दिखावा नहीं आता, लेकिन मैं अपने जज़्बात पर काबू भी नहीं रख पाता। अपना समझ के कह जाता हूं।

धर्मेंद्र, दिलीप कुमार को लेकर काफ़ी भावुक रहे हैं। अक्सर इंटरव्यूज़ में उन्हें अपनी प्रेरणा बताते रहे हैं। अगर धर्मेंद्र के सोशल मीडिया एकाउंट्स को खंगाला जाए तो दिलीप कुमार के साथ उनकी कई तस्वीरें मिल जाएंगी, जिनके साथ धर्मेंद्र ने इमोशल कैप्शन लिखे हैं। 

धर्मेंद्र, दिलीप कुमार को अपना आदर्श मानते थे और उनकी फ़िल्म शहीद देखने के बाद धर्मेंद्र को हीरो बनने की चाहत पहली बार हुई थी। इसके बाद धर्मेंद्र ने सिनेमा को अपना मक़सद बना लिया था। धर्मेंद्र को यह कसक भी रही कि अपने आदर्श के साथ कभी काम नहीं कर सके। 

धर्मेंद्र और दिलीप कुमार ने पहली बार एक बंगाली फ़िल्म पारी में काम किया था, जिसे बाद में आख़िरी मिलन नाम से हिंदी में बनाया गया था। मगर, इस फ़िल्म में धर्मेंद्र और दिलीप कुमार ने बहुत कम देर के लिए स्क्रीन स्पेस शेयर किया था। 2019 में धर्मेंद्र ने दिलीप साहब के जन्मदिन पर ट्वीट करके अपनी इस कसक के बारे में बताया था। उन्होंने लिखा था- अनोखा मिलन। मिलाप चंद लम्हों का। फिर ज़िंदगी भर किसी फ़िल्म में मौक़ा नहीं मिला।