बरेली. मान्यता प्राप्त स्कूलों के संगठन बेसिक शिक्षा समिति उत्तर प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश चन्द्र सक्सेना ने उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए एक माह का समय दिया है कि वे समिति की चारों मांगों को मान ले अन्यथा प्रथम चरण में बरेली मण्डल के समस्त स्कूल संचालक मण्डल मुख्यालय बरेली में धरना देंगे जिसके लिए शासन पूर्ण रूप से उत्तरदायी होगा.
समिति ने काले शासनादेश दिनांक 11 जनवरी 19 की शर्तों को मान्यता प्राप्त स्कूलों पर न लागू करने की प्रथम मांग की जिसके अनुसार मान्यता प्राप्त स्कूलों को प्रत्येक कक्षा के लिए 180 वर्ग फुट का कक्ष, नेशनल बिल्डिंग कोड़ के अनुसार स्कूल भवन व अग्नि शमक विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र सहित अनेकों शर्तें पूर्ण न करने पर स्कूल की मान्यता समाप्त करने का प्राविधान है. अगर यह शासनादेश प्रभावी रहा तो प्रदेश के नव्हे प्रतिशत स्कूल बंद हो जायेंगे, लाखों स्टाफ बेरोजगार हो जाये गा और प्रभावित करोड़ों बच्चे कहाँ पढ़ेगे.
द्वितीय मांग है कि वर्ष 89 में शासनादेश से स्कूलों पर सम्पत्ति कर लगाया गया था जिसे तीस वर्षों तक प्रदेश में कहीं लागू नहीं किया गया क्योंकि स्कूल व्यापारिक गतिविधि नहीं है. स्कूलों की स्थापना व संचालन एन जी ओ बिना लाभ कमाये करती है. परन्तु स्थानीय निकायों ने कर वसूली की तैयारी शुरू कर दी है जबकि स्थानीय निकायों को स्कूलों की मदद करनी चाहिये अत्यंत खेद का विषय है कि बरेली जिले की शाही में तो बसूली हेतु दबाव बनाना शुरू कर दिया गया है जिसे तत्काल प्रभाव से स्थगित व शासनादेश को बापस लिया जाये.
तृतीय मांग की गयी है कि नवीन शिक्षा नीति में स्कूल की पढ़ाई प्रिप्राइमरी कक्षाओं से होगी अत: कक्षा एक से मान्यता प्राप्त स्कूलों को प्रि प्राइमरी कक्षाओं के संचालन की अनुमति के साथ ही उनकी मानयतायें प्रि प्राइमरी कक्षाओं तक विस्तारित की जायें.
चौथी मांग की गई है कि कोरोना महामारी के कारण स्कूल बन्दी काल का स्कूलों के स्टाफ वेतन का भुगतान सरकार करे.
प्रदेशाध्यक्ष श्री सक्सेना ने कहा कि प्रदेश में न तो कोई मान्यता प्राप्त स्कूल बन्द होने दिया जाये गा न ही उनपर सम्पत्ति कर लगने दिया जाये गा