भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अगले वर्ष अस्थायी सीट मिलना तय है, लेकिन महासभा के नेतृत्व को अभी यह तय करना है कि कैसे वह जून में प्रस्तावित चुनाव को कराएगा, क्योंकि सदस्य देशों के प्रतिनिधि कोरोना महामारी की वजह से व्यक्तिगत रूप से मतदान नहीं कर सकते। महासभा के अध्यक्ष तिजानी मुहम्मद-बंदे के प्रवक्ता रीमा अबाजा ने शुक्रवार को कहा कि चुनाव कराने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
उन्होंने कहा, इस पर निर्णय इस माह के अंत में लिया जाएगा, जब जून के समारोह के बारे में निर्णय लिया जाएगा या इस बारे में सदस्यों के विचारों को जाना जाएगा।
अस्थायी सीट को क्षेत्रीय आधार पर आवंटित किया जाता है और भारत के पास एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों का निर्विरोध समर्थन प्राप्त है। यह सीट इंडोनेशिया द्वारा दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद खाली हुई है।
चीन और पाकिस्तान भी भारत को मिल रहे जबदस्त समर्थन की वजह से अन्य देशों के साथ खड़े हैं।
यह भारत के चुनाव को सुनिश्चित करता है, लेकिन सभी देशों द्वारा वोट देने की औपचारिकता भी जरूरी है।
जरूरी मामलों के लिए, एक साइलेंट वोटिंग प्रणाली स्वीकृत की जाती है, जिसके तहत देशों को 72 घंटे के अंदर आपत्ति दर्ज कराने का वक्त दिया जाता है और अगर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता, तो प्रस्ताव को स्वीकृत माना जाता है।
लेकिन इस प्रक्रिया से सभी देशों को संभावित वीटो मिल जाता है और एक भी आपत्ति प्रस्ताव को पटरी से उतार सकती है। इसलिए इसका प्रयोग काफी सीमित है।
अबाजा ने कहा कि ई-वोटिंग प्रणाली पर विचार हो रहा है, ताकि कुछ आपत्ति के बावजूद भी बहुमत को प्रस्ताव मिल सके।