20 साल पहले की बात है जब नीतीश कुमार पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने लेकिन महज 7 दिनों बाद ही उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. नीतीश कुमार मार्च 2000 में सीएम बने लेकिन बहुमत न होने के चलते इस्तीफा देना पड़ा. साल 2000 के बिहार विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं था. इस चुनाव में लालू की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को सबसे अधिक 124 सीटें मिली थी. उस वक्त झारखंड बिहार से अलग नहीं था और 324 सदस्यों वाली विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 163 विधायकों की आवश्यकता थी.
आरजेडी के लिए अकेले सरकार बनाना नामुमकिन था उसको सरकार बनाने के लिए 39 और विधायकों की जरूरत थी. इस चुनाव में कांग्रेस के 23 विधायक चुनाव जीतकर सदन पहुंचे थे. लालू यादव ने अपना पूरा जोर लगाया, कांग्रेस और निर्दलियों के सहारे राबड़ी देवी की सरकार बनी. एक ओर जहां राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं तो दूसरी ओर कांग्रेस के 23 में से 21 विधायक मंत्री और एक विधायक विधानसभा अध्यक्ष बने.