उत्तर प्रदेश के कासगंज में स्थायी लोक अदालत ने शहीद सैनिक की बीमा के क्लेम के 50 लाख रुपये भाई के खाते में वापस करने के मामले में फैसला सुनाया। यह धनराशि शहीद सैनिक की पत्नी को दी जाएगी। इस मामले में जेठ द्वारा धनराशि नहीं देने पर शहीद की पत्नी ने स्थायी लोक अदालत में वाद दायर कर धनराशि दिलवाने की मांग की थी।
सैनिक राघवेंद्र अपनी सेवा के दौरान 5 अक्टूबर 2023 को शहीद हो गए। सैनिक ने अपनी सेवा पंजिका में विवाह से पहले अपने बडे भाई रामेंद्र का नाम नामिनी के तौर पर दर्ज करा दिया। उनकी शहादत के बाद बीमा की धनराशि 50 लाख रुपये ओरियंटल बीमा कंपनी ने रामेंद्र के एसबीआई शाखा मोहनुपरा के खाते में भेज दी।
जेठ हड़प गया पैसा
जेठ रामेंद्र ने यह धनराशि अपने भाई की पत्नी बेबी को नहीं दी। बेबी ने स्थायी लोक अदालत में वाद दायर कर उक्त धनराशि दिए जाने की मांग की। वाद-दायर होने पर बैंक शाखा ने इस धनराशि को आहरित करने पर रोक लगा दी। स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष चंद्रशेखर, सदस्य बसंत कुमार और डॉ. सपना अग्रवाल ने बेबी के पक्ष में फैसला सुनाया।
10 दिन के भीतर रुपये जमा करने के निर्देश
अदालत ने बैंक शाखा प्रबंधक को 50 लाख रुपये की धनराशि ब्याज सहित रामेंद्र के खाते से आहरित कर स्थायी लोक अदालत के चेयरमैन के खाते में 10 दिन के भीतर जमा करने के निर्देश दिए हैं। यदि बैंक शाखा निर्धारित समय में धनराशि जमा नहीं करती है तो बेबी को बैंक शाखा व अपने जेठ रामेंद्र से यह धनराशि वसूल करने का अधिकार होगा।