दुर्विजय सिंह शाक्य कौन हैं, जिन्हें बीजेपी ने बदायूं से बनाया प्रत्याशी? संघमित्रा मौर्य का क्यों कटा गया टिकट

लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने इंतजार के बाद आखिर कार प्रत्याशी घोषित कर ही दिया है। वर्ष 2019 के चुनाव के बाद फिर से भाजपा ने शाक्य-मौर्य वोट बैंक पर कार्ड खेलते हुए प्रत्याशी घोषित कर दिया है।

मगर वर्तमान सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य का टिकट काटकर क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य को प्रत्याशी घोषित कर दी है। प्रत्याशी घोषित होते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। संघमित्रा मौर्य का टिकट कटने से उनके समर्थकों में मायूसी छा गई है। संघमित्रा का टिकट कटने की पीछे की वजह उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य को माना जा रहा है। दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में रहते हुए कई बार विवादित बयानबाजी कर चुके हैं। इसके साथ वह भाजपा सरकार पर लगातार हमला बोलते रहे हैं। माना जा रहा है कि उन्हीं की वजह से संघमित्रा का टिकट कटा है। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है इस पर कोई बोलने को तैयार नहीं है। बतादें कि दुर्विजय सिंह शाक्य ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से राजनीतिक शुरू की थी। हाल ही में दुर्विजय सिंह शाक्य के नेतृत्व में संपन्न हुए नगरीय निकाय चुनाव में बृज क्षेत्र से अभूतपूर्व परिणाम आए। वे अच्छे संगठकर्ता कर्ता और कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं। वे मूल रूप से संघ विचारधारा के साथ लंबे समय से राजनीति कर रहे हैं। इसलिए भाजपा ने उन पर विश्वास जताते हुए प्रत्याशी घोषित किया है।

दुर्विजय सिंह शाक्य का जन्म 12 फरवरी 1977 को बदायूं के ब्लॉक समरेर के ग्राम ब्राह्मपुर में स्व. वैध रामलाल शाक्य के परिवार में हुआ था। दुर्विजय सिंह शाक्य गांव ब्रह्मपुर से बेसिक शिक्षा पांचवी तक पढ़ाई पूरी की उसके बाद वे हायर एजूकेशन के लिए बरेली चले गये। फिर उन्होंने उच्चस्तरीय शिक्षा बीएससी, बीएड, एमए (पोलिटिकल साइंस), लॉ की डिग्री, पीजी डिप्लोमा मॉस कैमन्यूकेशन से प्राप्त किया। वह बरेली के विशप मंडल इंटर कॉलेज में शिक्षक हैं। दुर्विजय सिंह शाक्य की पत्नी भी शिक्षक हैं। उन्होंने ने अंतरजातीय विवाह पंजाबी समुदाय में किया है। उन्होंने बरेली निवासी मोना भाटिया से शादी की है वे उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं।

यह है राजनीतिक जीवन: दुर्विजय शाक्य सन 1994 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने। उन्होंने वर्ष 1995 में विद्यार्थी जीवन से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर राजनीति और सामाजिक जीवन की शुरुआत की। वह वर्ष 1995 में सबसे पहले बरेली कॉलेज इकाई के सहमंत्री बने और वर्ष 1997 में बरेली में विद्यार्थी परिषद में महानगर महामंत्री, महानगर उपाध्यक्ष, विभाग संयोजक और प्रदेश सह मंत्री भी रहे। वर्ष 2001 में शाहजहांपुर में विद्यार्थी परिषद के विस्तारक के रूप में कार्य संभाला। उन्होंने वर्ष 2002 से विद्यार्थी परिषद में पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में मुरादाबाद-रामपुर विभाग के संगठन मंत्री का दायित्व संभाला।

वर्ष 2002 में राम मंदिर आंदोलन के शिला पूजन कार्यक्रम के दौरान गिरफ्तार हुए और 14 दिन जेल में रहे। वर्ष 2007 में उसहैत विधानसभा से भाजपा ने चुनाव लड़ने के लिए कहा और वह तैयारी के लिए क्षेत्र में आए उसके बाद उसहैत विधानसभा सीट गठबंधन में चले जाने के कारण चुनाव नहीं लड़े। वर्ष 2007 में भाजपा युवा मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष बने। वर्ष 2012 में प्रदेश सह संयोजक पिछड़ा प्रकोष्ठ भाजपा बने। वर्ष 2014 में पांचाल क्षेत्र के उपाध्यक्ष बने। वर्ष 2016 में ब्रज क्षेत्र के महामंत्री और वर्ष 2020 उपाध्यक्ष बने। उसके बाद मार्च 2023 से भाजपा ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष का दायित्व संभाल रहे हैं।

सपा के बड़े नेता के सामने बृजक्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय सिंह को उतारा। दुर्विजय के टिकट होने के बाद सपा को मंथन का मौका दे दिया। सपा के लिये पहले से मुस्लिमों को टिकट न देने के चलते विरोध में उतरे सलीम शेरवानी, आबिद रजा और योगेंद्र तोमर लगातार पार्टी पर हमले कर रहे हैं। सपा नेता इन हमलों को रोकने के लिये नये सिरे से रणनीति बनाने में जुट हैं। सपा से नाराज नेताओं से मुलाकात करने और उनके घरों पर जाकर मनाने की कोशिश जारी है। आबिद को भी फोन पर मनाने की कोशिश की गई पर उन्होंने गेंद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के पाले में डाल दी।

बड़े वोटबैंक को पार्टी ने साधने का काम किया: पार्टी ने दुर्विजय सिंह को टिकट देकर नेताओं के बीच भीतर ही भीतर चली आ रही गुटबाजी को भी जहां समाप्त किया वहीं संगठन के पदाधिकारी को टिकट देकर यह संदेश भी दिया कि सबकी पसंद के नेता को टिकट दिया। अब सब एकजुट होकर पार्टी प्रत्याशी के लिये मेहनत करेंगे। जिले में वोटबैंक का भी पार्टी ने ख्याल रखा। यादव-मुस्लिम के बाद सबसे बड़े वोटबैंक को पार्टी ने दुर्विजय सिंह को टिकट देकर साधने का काम किया। टिकट कटने के बाद बदायूं सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य ने कहा, पार्टी का जो निर्णय है वह मान्य है। बृज क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य को बधाई। हम सब मिलकर पार्टी प्रत्याशी को विजय बनायेंगे। अभी लखनऊ में हैं, होली के बाद बदायूं आयेंगे।