पीलीभीत में सर्दी और कोहरे से दृश्यता घटी, नहीं जले अलाव, रैन बसेरे भी गुम

पीलीभीत में बृहस्पतिवार को तराई का इलाका कड़ाके की ठंड और कोहरे की चपेट में रहा। न्यूनतम तापमान भी बुधवार की अपेक्षा 1.1 डिग्री सेल्सियस रहा कम रहा। दोपहर तक कोहरा छाए रहने से हाईवे पर वाहन रफ्तार नहीं भर सके। अलाव भी नहीं जले। रैन बसेरा हैं, लेकिन वो ऐसी गलियों में हैं, जहां मुसाफिरों का पहुंच पाना संभव नहीं हो पा रहा।

दिसंबर के आखिरी दिनों में बृहस्पतिवार से मौसम का मिजाज फिर बदल गया। बृहस्पतिवार की सुबह से ही पूरा तराई का इलाका घने कोहरे की चपेट में आ गया। हाईवे पर कोहरा इतना अधिक था कि दो-तीन फुट आगे तक का देख पाना मुश्किल हो रहा था। कोहरे के कारण वाहनों की रफ्तार 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रह गई। कई चालकों ने वाहनों को जहां-तहां सड़क किनारे खड़ा कर दिया। सुबह 11 बजे के बाद कोहरा हल्का छंटा तो सूरज के दर्शन हुए। दोपहर बाद हल्की धूप खिली, लेकिन हवा से ठंड बनी रही।

आगामी सप्ताह ऐसा ही रहेगा मौसम
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसएस ढाका ने बताया कि अब कोहरा लगातार बना रहेगा। तापमान में अभी और गिरावट आएगी। बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान 20.2 और न्यूनतम 6.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जो बुधवार की अपेक्षा क्रमश: 1.6 और 1.1 डिग्री सेल्सियस कम था। आर्द्रता 78 से 61 रही तो वायु गुणवत्ता सूचकांक 67 रहा। आगामी सप्ताह मौसम ऐसा ही रहेगा। कोहरा और बढ़ सकता है। दिन में हल्की धूप खिलेगी और रात में कोहरा हो जाएगा। 30-31 दिसंबर को कोहरा और तेज हो सकता है। अधिकतम तापमान 20-22 व न्यूनतम तापमान 5-6 डिग्री सेल्सियस के पास बना रहेगा।

आगामी चार दिनों का यह रहेगा तापमान
अधिकतम न्यूनतम डिग्री सेल्सियस में
शुक्रवार 21.00 6.00
शनिवार 20.00 5.00
रविवार 20.00 6.00
सोमवार 19.00 5.00

गेहूं की फसल को होगा लाभ
कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसएस ढाका ने बताया कोहरा और पाला गेहूं को लाभ पहुंचाता है। गेहूं के लिए यह मौसम उसकी बढ़वार को आगे ले जाता है। इससे कोई नुकसान नहीं है। इसके अलावा अन्य फसलों के लिए भी पाला फायदेमंद है। इसलिए किसानों को पाले से कोई खतरा नहीं है। पाला न पड़ने से गेहूं की फसल जल्द सूख जाती ऐसे में दाना ठीक से बढ़ नहीं पाता।

मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. रमाकांत सागर ने बताया कि सर्दी अब जोर पकड़ रही है। ऐसे में बच्चे व बुजुर्गों का खासा ध्यान रखना होगा। ठंड से बचे, गर्म कपड़े पहनें। बच्चे और बुजुर्ग गर्म टोपी जरूर पहने संभव हो तो कान को ढककर रखें। इसके अलावा जूस व ठंडी चीजों का सेवन इन दिनों करना खतरनाक हो सकता है। एकदम रजाई छोड़कर सीधे बाहर न निकलें। शरीर के तापमान को एडजेस्ट करने के लिए बिस्तर से उठकर कुछ मिनट घर में ही टहलें। कभी-कभी लोग अंदर कमरे में रूम हीटर आदि चलाते हैं, इसके बाद एकदम बाहर निकल जाते हैं। इससे ठंड लगने की आशंका रहती है।

अलाव के नाम पर की जा रही खानापूर्ति
नगर पालिका की ओर से शहर के 11 स्थानों पर अलाव लगवाए गए हैं, जो नाकाफी साबित हो रहे हैं। इसमें भी खानापूर्ति हो रही है। अलाव में लकड़ी के स्थान पर पूरी जड़ को ही डाल दिया गया। इसमें लकड़ी कम है और उसमें मिट्टी अधिक भरी है। ऐसे में लोग धुएं के सहारे ही बैठे दिखाई देते हैं। इसके अलावा तहसील प्रशासन की ओर से भी सात स्थानों पर अलाव लगवाए गए हैं।

कहीं नहीं लगे हैं रैन बसेरा के संकेतक
शहर में रैन बसेरा नगर पालिका परिषद और केजीएन कॉलोनी में बनाया गया है। ट्रेन से आने वालों को तो नगर पालिका का रैन बसेरा मिल जाता है। वहीं केजीएन कॉलोनी में इसे खोजने में ही मुसाफिरों की रात कट जाएगी। यहां रैन बसेरा रेलवे स्टेशन से करीब तीन किलोमीटर दूर अंदर केजीएन कॉलोनी की गलियों में है। रैन बसेरा को लेकर अब तक शहर में ऐसा कोई संकेतक नहीं लगाया जो लोगों को वहां तक पहुंचा सके।

कोहरे के कारण रात में नहीं चलीं रोडवेज की चार बसें
बुधवार की रात घना कोहरा होने के कारण हाईवे पर वाहनों की आवाजाही कम रही। ऐसे में परिवहन निगम की ओर से डिपो से ही बसों को आगे नहीं जाने दिया गया। डिपो पर चार बसों को रोक दिया गया। 10-15 यात्री बरेली जाने वाले थे उन्हें टनकपुर से आ रही बस में बैठाकर रवाना किया गया। इसके अलावा अधिकांश ट्रक हाईवे किनारे ढाबों के आसपास खड़े हो गए। रात में वाहनों की आवाजाही लगभग बंद हो गई थी। कुछेक वाहन बेहद हल्की गति से जाते दिखे।

एक जनवरी से बेसिक स्कूल में हो जाएगा शीतकालीन अवकाश
बेसिक शिक्षा विभाग में इस साल महज दो दिन का ही स्कूल शेष है। ठंड को देखते हुए स्कूल का स्कूल सुबह नौ से अपराह्न तीन बजे तक का है। एक जनवरी से बच्चों की शीतकालीन अवकाश पड़ जाएंगे। इसके बाद 15 जनवरी को स्कूल खुलेगा। वहीं डीआईओएस गिरजेश चौधरी ने बताया कि माध्यमिक के स्कूल सुबह 8.50 से 2.50 तक खुल रहे हैं। माध्यमिक विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश नहीं होता।