90 के दशक में गोविंदा का बॉलीवुड में सिक्का चलता था। डांस से लेकर एक्शन और कॉमेडी से लेकर रोमांस, गोविंदा ने हर किरदार में अपना जलवा बिखेरा है। रवीना टंडन से लेकर करिश्मा कपूर तक, कई एक्ट्रेसेस के साथ उनकी जोड़ी सुपरहिट हुई और दर्शकों ने उन्हें ढेर सारा प्यार भी दिया। हालांकि वक्त की करवट के बाद अब गोविंदा का करियर ढलान पर हैं, दूसरी पारी में उनके कुछ किरदारों को दर्शकों ने पसंद किया, लेकिन पहले जैसा फेम नहीं मिल पाया। अपने करियर के इस बदलाव पर गोविंदा कई बार बात भी कर चुके हैं।
नब्बे के दशक के सफलतम अभिनेताओं में से एक गोविंदा इन दिनों कभी- कभी फिल्मों में छोटी-मोटी भूमिकाओं में नजर आ जाते हैं। बीबीसी से बातचीत के दौरान एक बार गोविंदा ने कहा था, ‘फिल्म इंडस्ट्री में जलन के चलते लोग मेरे बारे में गलत अफवाहें उड़ाते हैं। खैर, सबका समय खराब होता है और मेरा भी हुआ। मैं तारीफ का शिकार हो गया। मेरे अच्छे काम, डांस और लुक की तारीफ की वजह से मैं इंडस्ट्री से आउट हो गया।’
बता दें कि ने गोविंदा कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया है और ग्रेजुएशन के बाद वो कई जगह नौकरी के लिए गए लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली। कह सकते हैं कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि गोविंदा की किस्मत में तो हीरो बनना लिखा था। इसके बाद गोविंगा को 80 के दशक में पहले एलविन नाम की एक कंपनी का विज्ञापन मिला और जल्द ही ‘तन-बदन’ फिल्म में हीरो बनने का मौका, जिस में दक्षिण की एक्ट्रेस ख़ुशबू हीरोइन थीं।
फिल्म ‘लव 86’ से जो उन्हें कामयाबी मिलनी शुरू हुई तो 90 का दशक आते-आते वो इंडस्ट्री में छा गए। 90 के दशक में तीनों खान के अलावा अगर कोई था जो बॉक्स ऑफिस पर उनका मुकाबला कर रहा था तो वो गोविंदा थे। एक समय था जब गोविंदा की साल में 8 से 9 फिल्में तक रिलीज होती थी और पैसा भी कमाती थीं। गोविंदा ने ‘हीरो नंबर वन’, ‘हसीना मान जाएगी’, ‘दीवाना मस्ताना’, ‘कुली नंबर वन’, ‘साजन चले ससुराल’, ‘हद करदी आपने’ और ‘शोला और शबनम’ सहित कई फिल्में दी हैं।