पीलीभीत में बकरे के लालच में पिंजरे में फंस गई बाघिन

पीलीभीत के शहर से सटे देवहा नदी के इलाके में पिछले 11 दिन से डेरा जमाए बाघिन रविवार को आखिरकार पिंजरे में कैद हो गई। रविवार अपराह्न एक बजे बाघिन पिंजरे में बंधे बकरे को खाने के लालच में पिंजरे के अंदर घुसी थी। पिंजरे में बंद बाघिन को पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के मुख्यालय लाया गया। जहां चिकित्सकों की निगरानी में बाघिन का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।

बाघिन की शहर के नजदीक 11 जनवरी को मौजूदगी देखी गई थी। इसके बाद से लगातार पांच किलोमीटर के दायरे में देवहा नदी के इलाके में बाघिन अपनी मौजूदगी दर्ज कराए रही। सड़िया, इस्लामनगर व नौगवा पकड़िया के आस-पास के इलाके तक बाघिन चहलकदमी कर रही थी। बाघिन को पकड़ने की अनुमति मिलते ही तीन दिन पूर्व ही पिंजरा लगाया गया था। इसके बाद से बाघिन की पिंजरे के आसपास मौजूदगी देखी जा रही थी।

पिंजरा लगने के बाद शुक्रवार को बाघिन ने पिंजरे के बाहर बंधी बकरी मारकर खा ली थी। रविवार अपराह्न एक बजे पिंजरे के अंदर बंधे बकरे को खाने के लालच में बाघिन अंदर घुसी और वहीं कैद हो गई। निगरानी में जुटीं टीमों ने जैसे ही पिंजरे में बाघिन को देखा, जानकारी पीटीआर के अधिकारियों को दी। जानकारी पर एसडीओ दिलीप कुमार, अंजनि कुमार मौके पर पहुंचे। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस फोर्स बुलाया गया। करीब तीन बजे रेस्क्यू वाहन में पिंजरे को रखकर उसे पीटीआर मुख्यालय ले जाया गया। वन अधिकारियों का कहना है कि चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य को लेकर जरूरी जांचें की जाएंगी। उच्चस्तरीय निर्देश मिलने के बाद बाघिन को छोड़ा जाएगा।

डिप्टी डायरेक्टर के आवास पर रखा गया पिंजरा
कलीनगर में बाघिन को पीटीआर मुख्यालय से सटे डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल के आवास पर पिंजरे में रखा गया है। उस क्षेत्र को चारों ओर से बंद कर दिया गया है। डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल के अलावा पशु चिकित्सक डॉ. दक्ष गंगवार और एसडीओ अंजनि कुमार बाघिन की देखरेख में जुटे हुए हैं।