पीलीभीत के माधोटांडा में आबादी के निकट पहुंची बाघिन, गांव में फैली दहशत, वन विभाग ने किया रेस्क्यू

पीलीभीत के माधोटांडा क्षेत्र के जमुनिया गांव में मंगलवार को आबादी के निकट गन्ने के खेत में बाघिन पहुंच गई। खेत में बाघिन की मौजूदगी से इलाके में दहशत फैल गई। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने डेढ़ घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाघिन को पकड़ लिया। बाघिन को ट्रेंकुलाइज करने के लिए चार डॉट मारनी पड़ी। बाघिन को पिंजरे में बंदकर रेस्क्यू वाहन से माला गेस्ट हाउस ले जाया गया।

माधोटांडा क्षेत्र में तीन माह पूर्व से मथना जपती, रानीगंज, बासखेड़ा के अलावा जमुनिया क्षेत्र में बाघ की चहलकदमी देखी जा रही थी। इस दौरान बाघ हमले में तीन किसान की मौत भी हुई। दस दिन पूर्व बासखेड़ा गांव में डेरा जमाए बैठे बाघ को पकड़ने के दो बार ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन बाघ पकड़ में नहीं आ सका था। तीन दिन से एक बाघिन की मौजूदगी गांव जमुनिया के आसपास देखी जा रही थी।

मंगलवार सुबह आबादी के निकट गांव निवासी रामपाल के गन्ने के खेत में बाघिन की मौजूदगी देखी गई। इससे दहशत के साथ ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। जानकारी के बाद क्षेत्रीय वनकर्मी निगरानी के लिए मौके पर पहुंचे। बाघिन की मौजूदगी की पुष्टि होने के बाद करीब ढाई बजे सामाजिक वानिकी डीएफओ संजीव कुमार मौके पर पहुंचे। जाल लगाकर गन्ने की खेत की घेराबंदी की गई।

ट्रैक्टर पर सवार होकर गन्ने के खेत में घुसी टीम

चिकित्सक डॉ दक्ष गंगवार के पहुंचने के बाद साढ़े तीन बजे रेस्क्यू शुरू किया गया। दो ट्रैक्टर पर सवार होकर टीम गन्ने के खेत के अंदर गई। आधे घंटे के प्रयास के बाद बाघिन को पहली डॉट मारी गई। कुछ देर के इंतजार के बाद फिर दूसरी डॉट मारी गई। इसके बाद बाघिन जाल के किनारे आकर झाड़ियों में छिप गई। करीब आधे घंटे के इंतजार के बाद बाघिन पूरी तरह से बेहोश नहीं हो सकी, इसके बाद एक और डॉट मारी गई।

इसके बाद रेस्क्यू टीम ने बांस की बल्ली की मदद से बाघिन के बेहोश होने की स्थिति का आकलन किया। फिर स्ट्रेचर लेकर टीम को अंदर बुलाया गया। टीम स्ट्रेचर पर लादकर पिंजरे की ओर लाने के लिए आगे बढ़ी। इस दौरान बेकाबू हुई भीड़ के चलते स्ट्रेचर अनियंत्रित होने से बाघिन नीचे गिर गई।

इसी दौरान बाघिन के होश में होने के चलते मौके पर भगदड़ मच गई। स्थिति को भांपते हुए बाघिन को पकड़ने के लिए चिकित्सक को चौथी डॉट भी मारना पड़ी। करीब 10 मिनट बाद टीम ने मशक्कत कर बाघिन को पिंजरे के अंदर डाला। इसके बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली। बाघिन को रेस्क्यू वाहन से माला गेस्ट हाउस भेजा गया है।