हाल ही में वन विभाग के एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अथिति शामिल हुए सूबे के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ को बाघ के दीदार जंगल क्षेत्र में नहीं हुए। मगर , ग्रामीणों और तराई वासियों को आए दिन खेतों और सड़क पर बाघ के दीदार हो रहे है।
एक दिन पहले ही बमुश्किल ट्रैंक्यूलाइज की गई बाघिन को वन विभाग की टीम ने वापस जंगल में छोड़ दिया था। इसके बाद भी अभी पूरी तरह से जंगल से सटे इलाकों में ग्रामीणों को राहत नहीं मिल सकी है। अब पिपरिया संतोष गांव के पास तो बाघ ने मुख्य मार्ग से गुजर रहे राहगीरों पर ही झपट्टा मार दिया। जिसके बाद राहगीरों ने वाहन और चप्पल छोड़ दौड़ लगाई, तब जाकर जान बच सकी। हालांकि कोई घायल तो नहीं हुआ लेकिन दहशत बढ़ गई है।
बता दें कि कलीनगर तहसील क्षेत्र के कई गांव जंगल से सटे हुए हैं। इनमें लंबे समय से बाघ-बाघिन की दस्तक है। तीन दिन पहले बांसखेड़ा व आसपास के इलाकों में आतंक मचा रही बाघिन को पकड़ लिया गया था। एक दिन पूर्व ही उसे जंगल में छोड़ दिया गया। इसके बाद बुधवार को रानीगंज में बाघ दिखाई दिया था। अब अन्य स्थानों पर भी बाघ पहुंच गए। बताते हैं कि माधोटांडा खटीमा मार्ग पर पिपरिया संतोष गांव के पास गुरुवार सुबह राहगीरों की आवाजाही थी। इसी बीच अचानक बाघ सड़क पर आ गया और राहगीरों पर झपटा।
जिसके बाद राहगीरों की धड़कन बढ़ गई। कोई बाइक सड़क पर फेंक भाग तो कोई साइकिल। जान बचाने में चप्पलें भी मौके पर ही छूट गई। काफी दूर जाकर लोग झुंड बनाकर खड़े हो गए। आवागमन भी बाधित रहा। फिर बाघ वापस झाड़ियों में चला गया।
इसकी सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जानकारी की। आवागमन बाधित रहा और पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। दोपहर करीब तीन बजे दोबारा बाघ झाड़ियों से निकला और सड़क पर आ गया। दूर खड़ी भीड़ में कुछ लोगों ने वीडियो बनाई और फिर ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल होता रहा।
पुरैनिया दीपनगर में गाय को बनाया निवाला
एक बाघ को लेकर रानीगंज में टीमें लगी हुई है। दूसरा बाघ पिपरिया संतोष गांव में दस्तक दे गया। यहां से करीब दस किलोमीटर की दूरी पर पुरैनिया दीपनगर गांव में भी बाघ की दस्तक रही। यहां पर एक गाय को बाघ ने निवाला बनाया। गाय का अधखाया शव मिलने के बाद ग्रामीण दहशतजदा दिखे। बताते हैं कि चंद दिन पहले भी एक भैंस को बाघ निवाला बना चुका है।