उझानी में अनजान मोबाइल कॉल के जरिये ठगी का बुधवार को अजब मामला सामने आया है। भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष और सराफा व्यापारी आलोक अग्रवाल को एक महिला ने खुद को मध्यप्रदेश के ग्वालियर पुलिस की एसीपी बताकर जेवरात की खरीद से जुड़ी किसी शिकायत का हवाला देकर धमकाया। शक होने पर सराफा कारोबारी ने पुलिस से शिकायत की जो कॉल करने वाली महिला ने उझानी पुलिस को भी अपने प्रभाव में लेते हुए मामला सुलटाने के आदेश दे डाले। इस पर पांच-छह पुलिस कर्मी सराफा व्यापारी को कोतवाली उठा लाए। आखिरकार सराफा व्यापारी को 26,700 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करने पड़ गए। बाद में जब कई बार कॉल करने पर फोन बंद मिला तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ।
सराफ आलोक अग्रवाल का प्रतिष्ठान नगर पालिका के शॉपिंग कॉम्पलेक्स मार्केट में है। दोपहर में उनके फोन पर कॉल आई। कॉलर ने खुद को ग्वालियर की एसीपी बताकर उनसे कहा कि पिछले साल उन्होंने एक महिला के जेवरात के मामले में घपला कर दिया है। उसकी कथित शिकायत की जांच खुद पर बताते हुए उन्होंने सराफ को आदेश जैसे अंदाज में उसके रुपये खाता नंबर बताकर ट्रांसफर कर देने की हिदायत दी। सराफ ने बताया कि उन्हें संदेह हुआ तो तुरंत कोतवाली पहुंचकर पुलिस से शिकायत की। इसके बाद वह अपने प्रतिष्ठान पर जाकर बैठ ही पाए थे कि पीछे से दरोगा समेत पांच-छह पुलिस कर्मी आ गए। पुलिस कर्मी उन्हें बुलाकर कोतवाली ले गए।
बताते हैं कि खुद को एसीपी बता रही महिला ने दरोगा मनोज कुमार ने बात की तो वह भी सकते में पड़ गए। बकौल सराफ- दरोगा समेत दो पुलिस कर्मियों ने महिला को अफसर बताते हुए मामला बातचीत के जरिये सुलझा लेने को कह दिया। इसके बाद सराफ ने अपने खाते से 26,700 रुपये ट्रांसफर कर दिए। महिला अफसर ने खाता नंबर अपने ड्राइवर का बताते हुए सराफ के मोबाइल पर मैसेज भी भेजा था। इसके बाद कॉल करने पर महिला का फोन नंबर स्विच ऑफ बोलने लगा। ठगी का अहसास होने पर सराफ ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। आरोप है कि पुलिस कर्मी उन पर दवाब नहीं डालते तो पूर्व नगर अध्यक्ष ठगी का शिकार नहीं हो पाते।
सराफा व्यापरियों और दरोगा के बीच नोकझोंक
ठगी के बाद सराफ आलोक अग्रवाल फिर से कोतवाली पहुंचे तो दरोगा मनोज कुमार ने जांच कराने का आश्वासन दिया। इस पर व्यापारी भड़क गए। व्यापारियों और दरोगा के बीच नोकझोंक भी हो गई। सराफ पुरुषोत्तम दास वार्ष्णेय और अजय कुमार अग्रवाल ने धरना पर बैठने की चेतावनी दे दी। उनका कहना था कि पुलिस ने सराफ को जिस तरह से हड़काया, वह उचित नहीं है।
पशुधन प्रसार अधिकारी से ठगे जा चुके हैं 98 हजार रुपये
पिछले दिनों एक ऑडियो कॉल करके अयोध्यागंज मोहल्ला निवासी पशुधन प्रसार अधिकारी योगेश कुमार सिंह से 98 हजार रुपये की ठगी कर ली गई थी। कॉलर ने खुद को सीबीआई अफसर बताते हुए उनके बेटे को अपनी गिरफ्त में बताया था। इसके बाद दहशत में आए योगेश ने दो बार में 98 हजार रुपये आरोपी के खाते में ट्रांसफर कर दिए थे। योगेश का मामला भी पुलिस के संज्ञान में है, फिर भी पुलिस चकमा खा गई।
कॉल पर सराफा व्यापारी से 50 लाख रंगदारी का मामला ठंडे बस्ते में पिछले दिनों उझानी के नामी सराफा व्यापारीप प्रदीप गोयल से भी माेबाइल कॉल पर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। रुपये न देने पर उनको और उनके बेटे को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई। सराफा व्यापारी ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले में जांच साइबर क्राइम सेल को सौंप दी गई। अब यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया है।
मेरे पास एक कॉल आई थी। कॉल करने वाली महिला ने इंस्पेक्टर का नंबर मांगा था। इंस्पेक्टर अवकाश पर हैं। सीयूजी नंबर एसएसआई के पास है। व्यापारी ने खुद ही रुपये ट्रांसफर किए हैं। मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी।-शक्ति सिंह, सीओ उझानी