कलीनगर में पर्यटन के लिहाज से भले ही सप्तसरोवर को विकसित करने के साथ ग्राम पंचायत में होम स्टे की सुविधा शुरू की गई हो, लेकिन मूलभूत सुविधाएं न मिलने से सैलानी मायूस हैं। सप्तसरोवर जाने वाले मार्ग की जर्जर हालत होने से पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सैलानियों का कहना है कि विभाग को मार्ग की बदहाली को दूर करना चाहिए।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में चूका बीच की तर्ज पर सप्तसरोवर को विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है। वर्तमान में चार हट के अलावा अन्य सुविधाओं के विस्तार की प्रक्रिया पर अमल जारी है। जल्द ही कार्य पूरा होने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा सैलानियों की सुविधा और जंगल से सटे सेल्हा गांव के लोगों को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से होम स्टे की सुविधा भी शुरू की गई है।
सप्तसरोवर जाने के लिए सैलानी डैम मार्ग से पुरैना होकर सेल्हा गांव पहुंचते हैं। इसमें करीब चार किलोमीटर का जंगल मार्ग भी है। लंबे समय से मार्ग की हालत जर्जर है। इसके चलते सैलानियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार वाहन भी फंस जाते हैं। पूर्व में अफसरों ने मार्ग की हालत सुधारने की बात कही थी, लेकिन अमल नहीं हो सका। खुटार से आए सैलानी आनंद कुमार, रेहान का कहना है कि सप्तसरोवर का नजारा खूबसूरत है, लेकिन वहां तक जाने वाला मार्ग काफी जर्जर है। मार्ग सही होने से यातायात में काफी आसानी होगी।