पीलीभीत में स्कूली बसों में जीपीएस लगाए जाने से अब प्रबंधन वाहनों के आते-जाते समय उनकी गति पर निगरानी रख सकेगा। साथ ही तय समयावधि में बच्चे घर से स्कूल और स्कूल से घर पहुंच सकेंगे। गति पर नियंत्रण होने से हादसे भी घटेंगे।
बदायूं में हुए हादसे के बाद जिला प्रशासन सख्ती में दिखाई दे रहा है। जिले में लगभग 228 वाहनों का स्कूली वाहन के रूप में पंजीकरण है। इन वाहनों में मानकों के अनुसार जीपीएस, स्पीड गर्वनर, फायर सिलिंडर, फर्स्ट एड बॉक्स आदि चीजें होना अनिवार्य है। वाहनों में जीपीएस लगने से अब स्कूल प्रबंधन समय-समय पर वाहनों की लोकेशन भी चेक कर सकेगा। साथ ही वाहन चालकों की स्पीड पर भी निगाह रखना अब संभव हो सकेगा।
यही नहीं तय समय में स्कूल से बच्चों को लाने व छोड़ने जैसी कई चीजें पर भी प्रबंधन विद्यालय में ही बैठकर ही निराह रख सकेगा। एआरटीओ वीरेंद्र सिंह का कहना है कि सभी पंजीकृत 228 स्कूली वाहनों में जीपीएस लगवा दिया गया है। स्कूली वाहन चालकों को भी बता दिया गया है कि 40 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से ज्यादा न चलें। अब स्कूल प्रबंधन इनकी गति व लोकेशन को कभी भी चेक कर सकते हैं।
स्कूल में बिना पंजीकरण के वाहनों को संचालित नहीं होने दिया जाएगा। जो वाहन अपंजीकृत तरीके से संचालित किए जा रहे हैं उन पर कार्रवाई की जा रही है। जीपीएस से हर समय वाहन की स्थिति जानी जा सकेगी। – वीरेंद्र सिंह, एआरटीओ