उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में सांड के हमले से किसान की मौत हो गई। वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसकी मौत से बच्चे अनाथ हो गए। वहीं ग्रामीणों में अवारा पशुओं को लेकर आक्रोश है। उनका कहना है कि सरकार के लाख दावों के बावजूद आवारा पशुओं से निजात नहीं मिल रही है।
घटना बिछवां थाना क्षेत्र के हेमपुरा गांव की है। शनिवार की शाम सांड के पटकने से गांव निवासी मनीष शाक्य की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम हाउस पर मौजूद ग्रामीणों ने कहा कि छुट्टा पशुओं की वजह से रातभर जगना पड़ता है। वह लोग फसल की रखवाली करने के लिए शाम से निकल जाते हैं।
बताया कि मनीष के साथ हुई घटना पहली नहीं है। इससे पहले भी पशुओं के हमले में लोग जान गंवा चुके हैं। कई किसान घायल हो चुके हैं। छुट्टा पशु एक झुंड में आते हैं। यदि कोई उन्हें भगाता है तो वह हमलावर हो जाते हैं। इस समस्या का समाधान होना चाहिए, नहीं तो इस तरह की घटनाएं सामने आती रहेंगी।
हेमपुरा निवासी मनीष शाक्य माता-पिता का इकलौता पुत्र था। दो बहनों की शादी हो चुकी है। कुछ वर्ष पूर्व मां और पिता की मृत्यु हो गई थी। मनीष 2.50 बीघा खेत में मेहनत कर पत्नी सुधा और दो बच्चे 10 वर्षीय पुत्र हैप्पी और छह वर्षीय पुत्री वैष्णवी का भरण पोषण कर रहा था।
इस बार मक्का की फसल की थी और फसल में लाभ होने की उम्मीद के बीच बच्चों के बेहतर भविष्य को लेकर कई सपने भी संजोये थे। लेकिन, शनिवार की रात सांड़ के हमले में मनीष की जान चली गई। मनीष की मौत के साथ ही दोनों मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। वहीं मनीष का इस तरह साथ छोड़ जाने के बाद पत्नी सुधा भी अकेली रह गई है।