आंवला/बरेली-:-सरगम रिसोर्ट आंवला में चल रही रासलीला में आज मीरा लीला का रसिक गणों द्वारा मनमोहक मंचन किया गया। मीराबाई भक्ति काल की एक ऐसी संत थी जिन्होंने सब कुछ कृष्ण को ही समर्पित कर दिया था । तथा बाल काल से ही मीराबाई कृष्ण भक्ति में रम गई थी । जब उनका विवाह महाराणा सांगा के पुत्र भोजराज से हुआ तो वह कृष्ण जी की मूर्ति अपने साथ ले गई और ससुराल में अपनी कुलदेवी की पूजा ना कर कृष्ण भक्ति में ही रम गई । जिसे देखकर चित्तौड़गढ़ के राजा व ससुराली जनों ने उन्ह पर अनेकों अत्याचार करें । सांपों के पिटारे डालें, विष दिया ,लेकिन कृष्ण भक्ति से दूर नहीं कर पाए । मीरा कष्टों में भी कृष्ण भक्ति करती रही और कृष्ण में समा गई । इस बीच व्यास दीपक जी ने बताया जो भी करो पूर्ण समर्पित होकर करो । मीरा की तरह प्रतीक्षा करो ,शबरी की तरह भक्ति करो , हनुमान जी की तरह शिष्य बनो , अर्जुन की तरह मित्र बनो । व्यास दीपक जी ने अपनी वाणी में मीरा के पद व दोहे सुना कर भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया । रसिक गणो के साथ भक्तों की भी प्रेम में अश्रु धारा बहने लगी । मीरा को सताने वाला संसार नहीं मिलता तो कृष्ण नहीं मिलते , इसलिए मीरा का संसार से मोह छूट गया । इस बीच भारी संख्या में दर्शकों ने लीला देखी तथा लाडली कृपा मंडल के पदाधिकारी विनीत शर्मा, अखिलेश गुप्ता , सूरजभान गुप्ता , राजकुमार सिंह, राधा कृष्ण एडवोकेट संजू महाराज, नीटू खंडेलवाल, रानू अग्रवाल, सरवन शर्मा, मुकेश शर्मा , आलोक शर्मा आदि कथा प्रेमियों ने अंत तक रासलीला का आनंद लिया।