पीलीभीत के इमरजेंसी में बढ़ाए गए दस बेड

पीलीभीत में मानकों को देखते हुए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इमरजेंसी वार्ड में बेड की संख्या में इजाफा किया है। इमरजेंसी वार्ड की क्षमता अब 20 के बजाय 30 बेड की कर दी गई है। इसी के मुताबिक स्टॉफ भी बढ़ाया गया है।

मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में बेड की संख्या बढ़ाए जाने से सर्जन, फिजीशियन सहित कई डॉक्टरों के ओपीडी कक्ष महिला अस्पताल के खाली कक्षों में शिफ्ट कर दिए गए हैं। अचानक इस बदलाव का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ा। शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में पहुंचने वाले मरीजों को पुराने कक्ष में डॉक्टर नहीं मिले। सूचना न लिखे होने से डॉक्टर की तलाश में कई मरीज इधर-उधर भटकते नजर आए। हालांकि बाद में हेल्पडेस्क के कर्मचारियों ने मरीजों की मदद कर उनको डॉक्टर तक पहुंचाया। मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को 756 मरीजों की ओपीडी हुई।

चार नए डॉक्टरों ने संभाला चार्ज

पीलीभीत मेडिकल कॉलेज के लिए भर्ती हुए 16 डॉक्टरों में 12 को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं। इनमें से चार डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज में अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। प्रभारी प्राचार्य डॉ. संजीव सक्सेना ने बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ज्योति द्विवेदी, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अविरल पांडेय, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. स्नेहा सुमन व एसआर सर्जन डॉ. तनवीर ने कार्यभार ग्रहण लिया है। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में अब तक एक ही सर्जन थे, लेकिन अब दो हो गए हैं। एक सर्जन ओपीडी करेंगे तो दूसरे ओटी में रहेंगे। दो सर्जन होने से अब महिलाओं को दवा के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। डॉक्टरों का रोस्टर तैयार किया जा रहा है।

सर्जन डॉक्टर को दिखाना था, लेकिन उनके कक्ष में बेड पड़े हैं। डॉक्टर कहां बैठे हैं, इसकी सूचना भी चस्पा नहीं मिली। काफी खोजबीन के बाद डॉक्टर के कक्ष तक पहुंची और दवा ली।

फिजीशियन डॉ. रमाकांत सागर को दिखाना था, लेकिन उनका कमरा बंद है। पूछने पर पता चला कि वह तो छुट्टी पर हैं। उनकी जगह पर दूसरे डॉक्टर हैं, जो महिला अस्पताल की ओर ओपीडी कर रहे हैं। – सुरेश कुमार, कटपुरा

मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड की क्षमता बढ़ाकर 30 बेड की कर दी गई है। इसके चलते डॉक्टरों की ओडीपी के कुछ कक्ष महिला अस्पताल की ओर शिफ्ट किए गए हैं। मरीजों को दिक्कत न हो इसको ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों की ओपीडी सहित सूची लगाई जा रही है। साथ ही हेल्प डेस्क के कर्मचारी भी मरीजों की मदद कर रहे हैं। -डॉ. संजीव सक्सेना, प्रभारी प्राचार्य मेडिकल कॉलेज