पीलीभीत में टीबी हारेगा, देश जीतेगा अभियान के तहत जिले में एक बार फिर से टीबी मरीजों की तलाश के लिए घर-घर टीमें जाएंगी। जिले में यह अभियान 25 नवंबर से शुरू होगा, जो पांच दिसंबर तक चलेगा।
अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने ब्लाॅक और ग्राम पंचायत स्तर पर टीमें गठित कर दी हैं। टीम के सदस्य घर-घर जाकर लोगों से पूछेंगे कि किसी को ज्यादा समय से खांसी तो नहीं आ रही है। अगर किसी में दो सप्ताह से लगातार खांसी, बुखार, वजन कम होना आदि लक्षण मिले तो उन मरीजों का सैंपल लिया जाएगा। जिला मुख्यालय पर सैंपल की जांच की जाएगी। जांच में अगर वह मरीज टीबी से संक्रमित मिला तो स्वास्थ्य विभाग उसको घर पर ही दवाइयां उपलब्ध कराएगा।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि टीबी का इलाज संभव है। बशर्ते समय पर इलाज शुरू हो जाए। दो सप्ताह से लगातार खांसी आना, लगातार बुखार, रात के समय पसीना आना, भूख न लगना और वजन में लगातार गिरावट होना टीबी के संकेत हैं। ऐसे में अपनी जांच जरूर कराएं, ताकि अगर टीबी है तो उसका इलाज समय पर शुरू हो जाए।
यह बरतें सावधानी
स्वास्थ्य विभाग की मानें तो टीबी से ग्रसित मरीज को दवा नहीं छोड़नी चाहिए। डॉक्टरों की सलाह से लगातार दवा लें। खांसी आने पर हमेशा मुंह को रूमाल से ढकें। टीबी के जीवाणु खांसने और छींकने से फैलते हैं।