पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने अफगानिस्तान में मौजूद तालिबान और पाकिस्तान के आतंकियों को भारत द्वारा वहां पर बनाए गई इमारतों और ठिकानों पर हमला करने के दिशा-निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि अफगानिस्तान से अमेरिका के जाने का सबसे बड़ा फायदा पाकिस्तान और तालिबान को ही मिल रहा है। दोनों के बीच वर्षों पुराने गठबंधन की बात का खुलासा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहहार समेत अफानिस्तान के पूर्व और मौजूदा राष्ट्रपति तक कर चुके हैं। अब भारत को नुकसान पहुंचाने के मकसद से पाकिस्तान ने ये नई खतरनाक रणनीति बनाई है।
आपको बता दें कि जब से अमेरिका ने भारत को अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया में शामिल किया है तब से ही पाकिस्तान इसको लेकर बौखलाया हुआ है। वहीं भारत के प्रति अफगानिस्तान का रुख जिस कदर दोस्ताना है उससे भी वो परेशान है। यही वजह है कि वो अफगानिस्तान में तालिबान को पूरी मदद देकर अब भारत और अफगानिस्तान से बदला लेने की रणनीति पर काम कर रहा है।
गौरतलब है कि भारत ने अफगानिस्तान में 3 अरब डॉलर का निवेश किया हुआ है। बीते दो दशकों के दौरान भारत ने अफगानिस्तान की तरक्की के लिए काफी कुछ काम किया है। भारत ने यहां पर डेलारम और जरांज सलमा बांध के बीच करीब 218 किमी लंबी सड़क का निर्माण करवाया है। इसके अलावा अफगानिस्तान की संसद का निर्माण भी भारत ने करवाया है। इसका शुभारंभ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में किया था। ये यहां पर भारत के योगदान का सबसे बड़ा सुबूत है।
भारत को मिली खुफिया जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान के अंदर करीब 10 हजार पाकिस्तानी आतंकी घुस चुके हैं। इनका मकसद अफगानिस्तान में भारत के खिलाफ तालिबान का पूरा साथ देना और अफगानिस्तान की लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ फेंक कर वहां तालिबान की सरकार का गठन करवाना है। जानकारी के मुताबिक तालिबान और पाकिस्तान के आतंकी इस मुद्दे पर मिले आदेश पर ही काम करेंगे और भारतीय सस्थानों और भारत द्वारा वहां पर बनाए गई इमारतों पर हमला करेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान इन आतंकियों के जरिए तालिबान से मिलकर अफगानिस्तान से भारत की हर निशानी को खत्म करना चाहता है।
गौरतलब है कि भारत ने अफगानिस्तान की बेहतरी के लिए वहां पर शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी काम किया है। इसके लिए भारत ने वहां के टीचरों और सपोर्टिंग स्टाफ को समूची ट्रेनिंग दी है। भारत के खिलाफ अफगानिस्तान में केवल तालिबान और पाकिस्तान ही नहीं हैं बल्कि हक्कानी नेटवर्क और आईएस भी वहां पर भारत का दुश्मन है। यही वजह है कि अफगानिस्तान के मौजूदा हालातों को लेकर भारत काफी चिंतित है। भारत की चिंता ये भी है कि यदि अफगानिस्तान में ऐसे ही हाल बने रहे तो वहां पर कितना और रुका रहना संभव हो सकेगा। भारत अफगानिस्तान के ताजा हाल पर पूरी निगाह रखे हुए है। यहां पर बेहद खराब हालातों में अब भी काफी संख्या में भारतीय मौजूद हैं। भारत ने हाल में ही यहां पर शहतूत बांध के जरिए लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने का बीड़ा उठाया था।