पीलीभीत के बरखेड़ा में 17 वर्ष बाद भी नहीं बनी गन्ना समिति, 168 गावों के 20 हजार किसान परेशान

पीलीभीत जिले में गन्ना विभाग के अधिकारी 17 वर्ष बाद भी बीसलपुर तहसील क्षेत्र के कस्बा बरखेड़ा में सहकारी गन्ना विकास समिति को स्थापित नहीं करा पाए हैं। इस वजह से बरखेड़ा क्षेत्र के 168 गावों के 20 हजार से अधिक किसानों को काफी दिक्कत हो रही है।

गन्ना विभाग के अभिलेखों के अनुसार कस्बा बरखेड़ा में वर्ष 2006 में चीनी मिल बन गई थी। उसके कुछ ही वर्षों के बाद कस्बा बरखेड़ा में गन्ना विकास परिषद कार्यालय भी खुल गया था। विभागीय शिथिलता के चलते बरखेड़ा में सहकारी गन्ना विकास समिति की स्थापना अभी भी नहीं हो पाई है।

नियमानुसार जहां चीनी मिल होती है, वहां सहकारी गन्ना विकास समिति भी होनी चाहिए। बरखेड़ा में सहकारी गन्ना विकास समिति न होने से उस क्षेत्र के 168 गावों के 20 हजार से अधिक किसानों को गन्ने की खेती से संबंधित समस्याओं के लिए वहां से काफी दूर बीसलपुर स्थित सहकारी गन्ना विकास समिति में आना पड़ता है। इसमें उनके समय, पैसे की बर्बादी होती है।

इस बीच जागरुक किसानों ने गन्ना विभाग के उच्चाधिकारियों का ध्यान कई बार आकर्षित कराया, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई, जिससे किसान मायूस हो गए हैं। बरखेड़ा क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों तो ऐसे हैं, जिनकी दूरी बीसलपुर से 30 से 32 किलोमीटर तक हैं।

इन गांवों के किसानों को ज्यादा दिक्कत
वैसे तो बरखेड़ा क्षेत्र के सभी किसानों को बरखेड़ा में गन्ना विकास समिति न होने से दिक्कत हो रही है, लेकिन पौटा कला, खमरिया, पंडरी, रामनगर, ज गतपुर, पैंतबोझी, विक्रमपुर, पट्टी, रंभोजा, जादौंपुर, पैनिया रामकिशन, रहमानगंज, दियोराजपुर, गाजना, सिधारपुर, इलाबांस, दियोहना, किशनपुर, जयनगर, मूढ़ा सेमनगर, अजान, खरदाह, दौलतपुर पट्टी, चकशिवपुरी, बसई पुरैना, आदि दूरस्थ गांवो के किसानों को काफी ज्यादा दिक्कत हो रही है।

गन्ना समिति बनने का प्रस्ताव शासन में है लंबित
कस्बा बरखेड़ा में सहकारी गन्ना विकास समिति बनने का प्रस्ताव पिछले कई वर्षो से शासन में लंबित है। कुछ नेता समिति अतिशीघ्र बनवाने की दिशा में काफी स क्रिय भी हैं। शासन से हरी झंडी मिलते ही बरखेड़ा में गन्ना समिति बन जाएगी।- आरपी कुशवाहा, सचिव सहकारी गन्ना विकास समिति बीसलपुर।