ऐसे होते हैं अंतर्मुखी लोग

आमतौर पर माना जाता है कि अंतर्मुखी लोग किसी से बात नहीं करते, अकेले रहते हैं। उन्हें देश-दुनिया से कोई लेना देना नहीं है। जबकि यह सब आधा-अधूरा सच है। पूरी सच्चाई ये है कि अंतर्मुखी लोग अकेले तो रहते हैं, लेकिन वे बेहद गंभीर होते हैं और हमेशा हर चीज पर बारीक नजर रखते हैं। इसी के साथ उनमें और भी कई गुण होते हैं।
-इन्हें अकेले रहना पसंद है। इन्हें अपना वक्‍त बिताने के लिए किसी के साथ की जरूरत नहीं महसूस होती। वह घंटों अकेले बैठे रह सकता है। एकांत उसे काटता नहीं, बल्कि सुकून देता है।
-अंर्तमुखी व्‍यक्ति गहरी बातें अधिक करते हैं। उन्‍हें संक्षिप्‍त बातें करना पसंद नहीं होता, लेकिन अपने पसंद के विषय पर वे गहन चर्चा करना पसंद करते है। लोगों की बातों को अधिक ध्‍यान से सुनना अंर्तमुखी होने की एक और पहचान हो सकती है। आमतौर पर अंर्तमुखी व्‍यक्तियों के बारे में अकसर यह बात कही जाती है कि वे अच्‍छे श्रेाता हैं।
-ये कहीं भी और कभी भी नहीं बोलते। बोलने से पहले वे अपने शब्‍दों को ध्‍यान से चुनते हैं, उन्‍हें तौलते हैं और फिर उनका इस्‍तेमाल करते हैं।
-अंर्तमुखी लोगों को टकराव पसंद नहीं होता। वे वाद-विवाद से दूर रहना पसंद करते हैं। यदि अपनी असहमति भले ही जता दें, लेकिन उसे लेकर बहुत ज्‍यादा बहस करना उन्‍हें पसंद नहीं होता।