16 सितंबर 2019 को भोगांव क्षेत्र में स्थित एक विद्यालय की छात्रा का शव हास्टल के कमरे में फंदे पर लटका मिला था। स्वजन ने दुष्कर्म और हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। स्लाइड और कपड़ों की जांच से छात्रा के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण हैंगिंग बताया गया था। मामले की जांच एसआइटी को साैंपी गई थी।
हॉस्टल में छात्रा के साथ दुष्कर्म और आत्महत्या का मामला चार साल बाद भी रहस्य ही बना रहा। दूसरी एसआइटी भी घटना का राजफाश करने में सफल नहीं हो सकी। पीड़ित परिवार के साथ ही जिले के लोग न्याय का इंतजार कर रहे हैं। दोषियों का पता लगाकर उन्हें सजा कब मिलेगी। यह प्रश्न अनुत्तरित ही रह गया।
6 सितंबर 2019 को भोगांव क्षेत्र में स्थित एक विद्यालय की छात्रा का शव हास्टल के कमरे में फंदे पर लटका मिला था। स्वजन ने दुष्कर्म और हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। स्लाइड और कपड़ों की जांच से छात्रा के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण हैंगिंग बताया गया था। मामले की जांच एसआइटी को साैंपी गई थी। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद दूसरी एसआइटी गठित की गई। एम्स के विशेषज्ञों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर घटना को आत्महत्या माना था।
स्कूल के प्रिंसिपल को दोषी मानते हुए भेजा था जेल
एसआइटी ने विद्यालय की प्रधानाचार्य सुषमा सागर को आत्महत्या के लिए दोषी मानते हुए जेल भेज दिया था। लेकिन दुष्कर्म करने वाले का पता अब तक नहीं लग सका है। आरोपित तक पहुंचने के लिए चार संदिग्धों का नार्को टेस्ट, 12 का पालीग्राफी टेस्ट, 500 का डीएनए टेस्ट कराया जा चुका है। तीन हजार लोगों से पूछताछ हो चुकी है। 6600 मोबाइल नंबरों की काल डिटेल खंगाली जा चुकी है।
चार साल बाद भी अनसुलझा है छात्रा हत्याकांड
चार साल बाद भी छात्रा हत्याकांड अनसुलझा है। माता-पिता और समाजसेवी एमपी सिंह द्वारा हाईकोर्ट में सीबीआइ जांच की मांग को प्रस्तुत की गई याचिका भी लंबित है। छात्रा के स्वजन अब निराश होने लगे हैं।