इटावा जिले में एसटीएफ और वन विभाग की संयुक्त टीम ने चार कछुआ तस्कर को गिरफ्तार किया। मुखबिर की सूचना पर संयुक्त टीम ने सैफई-मैनपुरी सीमा पर लोडर में भरे 745 कछुए बरामद किए। यह कछुए मैनपुरी से कई स्थानों पर तस्करी के लिए ले जाए जा रहे थे।
डीएफओ अतुलकांत शुक्ला ने बताया कि 25 जनवरी की रात सैफई थाना क्षेत्र में मैनपुरी सीमा पर वैदपुरा मार्ग पर वन्य जीवों की तस्करी की सूचना मिलने पर एसटीएफ व वन विभाग वाहनों की चेकिंग कर रही थी। तभी मैनपुरी की तरफ से एक लोडर आता दिखाई दिया।।
एसटीएफ ने रुकने का इशारा किया, तो लोडर तेजी से इटावा की तरफ भगा दिया। एसटीएफ ने पीछा करके लोडर को रुकवाया। लोडर को चेक किया गया, तो उसमें 22 बोरी में भरे 745 कुछए बरामद हुए। यह सभी कछुए सुंदरी प्रजाति के हैं। लोडर में सवार चार लोगों को हिरासत में लिया गया।
तस्कर मैनपुरी से इटावा की तरफ आ रहे थे
उन्होंने अपना नाम गोविंद कंजर निवासी गिहार कॉलोनी करहल जिला मैनपुरी, गोपी कंजर निवासी गिहार काॅलोनी करहल जिला मैनपुरी, विक्की कंजर निवासी गिहार कॉलोनी थाना भरथना व नील तिवारी निवासी नगला कले थाना बकेबर बताया। तस्कर करहल जिले के मैनपुरी से इटावा की तरफ आ रहे थे।
मलेशिया व सिंगापुर भी की जाती है तस्करी
कछुओं को 26 जनवरी को कोलकाता ले जाने की योजना थी। सभी के खिलाफ वन अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया है। डीएफओ ने बताया कि इन कछुआ की तस्करी पश्चिम बंगाल के जरिए मलेशिया व सिंगापुर भी की जाती है। कछुओं का प्रयोग पौरूष शक्ति को बढ़ाने और होटल में खाने में प्रयोग करने के लिए किया जाता है। पश्चिम बंगाल में इनकी अधिक मांग है