पीलीभीत के जनपद में 1506 स्कूलों के लिए कंपोजिट ग्रांट के लिए हरी झंडी दे दी गई है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है अब रुके कामों को रफ्तार मिल सकेगी।
कंपोजिट ग्रांट उपकरणों की मरम्मत, दरी खरीद, ब्लैक बोर्ड मरम्मत, ग्रीन बोर्ड, चॉक-डस्टर, परीक्षा स्टेशनरी, विद्युत, पेयजल, विज्ञान-गणित किट, प्रतियोगिताओं के आयोजन, खेल सामग्री, शिक्षण अधिगम सामग्री, इंटरनेट व अन्य छात्रहित कामों पर खर्च की जाती है। पिछले एक साल से ग्रांट न आने से बेसिक स्कूलों में सभी कार्य अधर में अटके पड़े थे।
कुछ शिक्षक तो अपनी जेब से चाक, स्टेशनरी सहित अन्य जरूरी सामान खरीद रहे थे, लेकिन अब ग्रांट को लेकर शासन से विभाग में एक पत्र आया है। जिले में करीब छह करोड़ की ग्रांट आने की उम्मीद है।
छात्र संख्या के आधार पर आती है ग्रांट
कंपोजिट ग्रांट प्रत्येक स्कूल को अलग-अलग दी जाती है। छात्र संख्या के आधार पर ग्रांट भेजी जाती है। जितनी अधिक छात्र संख्या होगी उतनी ही ज्यादा ग्रांट होगी। जनपद में 1503 बेसिक के स्कूल हैं, जिनको ग्रांट का इंतजार है।
बेसिक स्कूलों के लिए कंपोजिट ग्रांट का पत्र आया है। कितनी धनराशि आई है, यह बताना अभी मुश्किल है। पत्र देखने के बाद भी कुछ बताया जा सकता है।