पीलीभीत में पनप रहे सट्टे के धंधेबाज, हिस्ट्रीशीटर खाईबाड़, संरक्षक बने जिम्मेदार

पीलीभीत के शहर में इन दिनों सट्टे के धंधेबाज बेफ्रिक हैं। कहीं किराना दुकान की आड़ में सट्टेबाजी चल रही, तो कहीं पान की दुकान..या घरों से। जिम्मेदारों के संरक्षण में दिनों दिन सट्टा बाजार फल फूल रहा है।

कई नामचीन अपराधी भी इस धंधे में लिप्त हो चुके हैं। मगर पुलिस की ओर से कार्रवाई के नाम पर औपचारिकता ही निभाई जा रही है। अधिकारियों के विशेष अभियान में खानापूरी करने के लिए सट्टे के खाईबाड़ को छोड़ खेलने वालों की धरपकड़ कर आंकड़ेबाजी का खेल चल रहा है। नतीजतन धरातल पर युवा पीढ़ी इसका शिकार हो रही है।

हिंदू जागरण मंच युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष आशीष लोधी की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को पुलिस लाइन पहुंचकर अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार यादव को ज्ञापन दिया। जिसमें बताया कि शहर में पुलिस के संरक्षण में सट्टेबाजी का खेल चल रहा है। शहर के मोहल्ला सुनगढ़ी, पंजाबियान,कांशीराम कॉलोनी, थानसिंह, मोहम्मद वासिल, देशनगर, इमली चौराहा के आसपास के इलाकों में होने की बात कही।

इस खेल से युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। आरोप लगाया कि पुलिस जानबूझकर सट्टेबाजों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। इससे यह धंधा फल फूल रहा है। ज्ञापन में सट्टेबाजों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन देने वालों में जिला महामंत्री सूरज वर्मा, जिला उपाध्यक्ष शुभम सक्सेना, जिला मंत्री अमन कश्यप आदि मौजूद रहे।

कई घटनाएं हुई, सिपाही भी भेजा जा चुका है जेल
बता दें कि सट्टे को लेकर धंधेबाजों में ही कई बार मारपीट हो चुकी है। कोतवाली क्षेत्र में हुए एक हत्याकांड को लेकर भी सट्टे की रंजिश ही उस वक्त अधिकारियों ने बताई थी। इसके अलावा तत्कालीन एसपी कलानिधि नैथानी ने सट्टे के धंधेबाजों पर सख्ती की गई थी। शाहजहांपुर के एक मास्टर माइंड को भी पकड़ा गया था। उसका सट्टे के धंधे में मदद करने वाला एक सिपाही भी पकड़ा था। जोकि उस वक्त बरेली के बारादरी थाने में तैनात बताया गया था।