रजिस्ट्रियों में फर्जीवाड़े के मामले में एसआईटी ने पहली गिरफ्तारी की है। पूर्व आईएएस सुश्री प्रेमलाल की जमीन को धोखाधड़ी से अपने नाम कराने के आरोप में पीलीभीत निवासी मक्खन सिंह को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी को न्यायालय के आदेश पर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि अभी पुलिस के राडार पर छह भू-माफिया और भी हैं। इनमें असम का अग्रवाल परिवार भी मुख्य आरोपियों में हो सकता है।
सब रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्रियों की छेड़छाड़ की बात पिछले महीने जनसुनवाई कार्यक्रम में सामने आई थी। जिलाधिकारी ने रैनापुर मौजा में पूर्व महिला आईएएस प्रेमलाल की 60 बीघा जमीन से संबंधित दस्तावेज की जांच कराई थी। पता चला था कि यह जमीन अब मक्खन सिंह निवासी पीलीभीत के नाम पर है। महिला आईएएस को सत्तर के दशक में यह जमीन उपहार में मिली थी। अब मक्खन सिंह बता रहा था कि प्रेमलाल ने उनके नाम पर पॉवर ऑफ अटॉर्नी की है। इसके आधार पर अब वह उसे खुर्द-बुर्द करने में लगा था। एक महिला को उसने कुछ हिस्से की रजिस्ट्री भी कर दी थी। इस मामले में जब प्रशासन ने जांच कराई तो एक के बाद एक तीन और मामले सामने आए।
इस मामले में पिछले दिनों जिलाधिकारी के आदेश पर एक मुकदमा शहर कोतवाली में दर्ज कराया गया। इसके बाद मुकदमे की विवेचना की निगरानी और फर्जीवाड़े की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी और कोतवाली पुलिस ने जांच करते हुए पूर्व आईएएस प्रेमलाल की जमीन को धोखाधड़ी से कब्जाने के आरोपी मक्खन सिंह को उसके घर ग्राम नगरिया खुर्द रामनगर, पीलीभीत से गिरफ्तार कर लिया गया है। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि आरोपी मक्खन सिंह को जेल भेज दिया गया है।
अब डिब्रूगढ़ के अग्रवाल परिवार की बारी
प्रशासन ने जिन चार जमीनों के दस्तावेज की जांच की थी उनमें दो जमीनों में असम के डिब्रूगढ़ के दो अग्रवाल परिवारों का नाम सामने आया था। ये दोनों परिवार आपस में रिश्तेदार हैं। बताया जा रहा है कि अब अग्रवाल परिवार की ओर पुलिस की जांच की सुई घूम गई है। इनमें से एक परिवार देहरादून में ही रहता है। जबकि, एक परिवार के सदस्य डिब्रूगढ़ में रहते हैं। पुलिस इनकी गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास कर रही है।