पीलीभीत में खतरे में शारदा डैम, डेढ़ दशक बाद खोले आपातकालीन फाटक

कलीनगर में लगातार जर्जर होता जा रहा शारदा डैम खतरे में हैं। इसे देखते हुए सिंचाई विभाग के अभियंताओं को डेढ़ दशक बाद पानी का दबाव कम करने के लिए डैम के आपातकालीन फाटक खोलने पड़े हैं। हालांकि अभियंताओं का दावा है कि खराबी के चलते मरम्मत के लिए फाटक खोले गए हैं। सूत्रों की मानें तो डैम की जर्जर हालत और शारदा नदी में बाढ़ की स्थिति को भांपते हुए फाटकों को खोला गया है।

जनपद के तराई इलाके में 22 किलोमीटर लंबा शारदा सागर डैम है। इसका 17 किलोमीटर हिस्सा पीलीभीत और आगे का पांच किलोमीटर का भाग उत्तराखंड की सीमा में पड़ता है, लेकिन देखरेख की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग के शारदा सागर खंड पर है। डैम में भंडारित पानी हरदोई ब्रांच नहर (खारजा नहर) से निकाला जाता है। इससे न सिर्फ पीलीभीत बल्कि उन्नाव, रायबरेली तक 10 से अधिक जिलों में फसलों की सिंचाई होती है।

मरम्मत के अभाव में लंबे समय से डैम जर्जर है। उसकी दीवारों की कमजोर हालत को देखते हुए सिंचाई विभाग की ओर से कई बार प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया, लेकिन मंजूरी न मिलने से स्थिति बिगड़ती जा रही है। आलम यह है कि एक सप्ताह पूर्व बरसात के बीच शारदा सागर खंड के अभियंताओं को 15 साल बाद डैम के सातवें किलोमीटर पर स्थित आपातकालीन फाटकों को खोलना पड़ा है। इसके लिए कई जनपदों के अधीक्षण अभियंताओं की मध्यस्थता के बाद अनुमति मिल सकी।

10 करोड़ का प्रस्ताव शासन में अटका
शारदा डैम की हालत जर्जर होती जा रही है। मरम्मत के लिए शारदा सागर खंड की ओर से करीब 10 करोड़ की लागत का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, लेकिन अब तक मंजूरी नहीं मिल सकी है। पूर्व में गर्मी के दौरान तेज हवा चलने पर पानी के थपेड़ों से सात किलोमीटर दायरे में डैम के भीतरी हिस्से में लगी सीमेंट की पिचिंग के अलावा पत्थर भी उखड़ गए थे। इससे ग्रामीण दहशत में आ गए। तब विभाग ने कुछ अस्थाई कार्य कराए। अब इन्हीं सब खतरों को भांपते हुए विभाग ने आपातकालीन फाटक खोल दिए हैं।

फाटक खुलने से बह रहीं लाखों की मछली
डैम के आपातकालीन फाटक खोलने से तेज बहाव के साथ पानी शारदा नदी में जा रहा है। इससे डैम की मछलियां भी पानी के बहाव के साथ बह रही हैं। हालांकि मत्स्य विभाग की ओर से बरेली के ठेकेदार को डैम में मछली पकड़ने का ठेका दिया गया है, लेकिन इन दिनों मछलियों का प्रजनन काल होने की बजह से उन्हें पकड़ने पर प्रतिबंध है।

इन परिस्थितियों में खोला जाता है आपातकालीन फाटक
22 किलोमीटर लंबा शारदा सागर डैम बनाते समय सुरक्षा के लिहाज से सातवें किलोमीटर पर आपातकालीन फाटक लगाए गए थे। फाटकों से डैम के बाहरी क्षेत्र में नहर की खुदाई कर कुछ दूरी पर गुजर रही शारदा नदी से मिलाया गया। आपातकालीन फाटक को डैम में भंडार पानी को अचानक कम करने या फिर बाढ़ समेत अन्य आपात स्थिति के समय ही खोला जा सकता है। डैम के आपातकालीन फाटकों में खराबी के चलते मरम्मत कराई जा रही है। विभागीय मुख्यालय से अनुमति के बाद फाटकों को खोला गया है।