पीलीभीत में बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए रीवैंप योजना के तहत जर्जर लाइनाें को बदलने और ट्रांसफार्मरों को क्षमता वृद्धि करने का काम होना था। प्रस्ताव मंजूर होने के बाद 180 करोड़ का बजट भी मिल गया, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से अब तक काम शुरू नहीं हो सका है, जबकि दिसंबर तक काम पूरा किया जाना है। जिस कंपनी को ठेका दिया है, वह अब तक सिर्फ सर्वे ही कर सकी है। पूरा जिला बिजली कटौती और अंधाधुंध फॉल्ट से परेशान है, लेकिन जनप्रतिनिधि भी खामोश हैं।
जिले में 180 करोड़ की लागत से बिजली की जर्जर लाइनोंं को बदलने, फीडरों के विभाजन, ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने आदि के काम होने हैं। इसका ठेका यूनिवर्सल कंपनी को जनवरी में ही दे दिया गया था। 10 करोड़ की लागत से शहर में काम कराए जाने हैं। दिसंबर 2023 तक काम पूरा होना है। बजट आए हुए सात महीने हो चुके हैं लेकिन अभी तक शहर में ही काम शुरू नहीं हो सका है।
इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। हाल यह है कि जिले की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर गई है। विभाग कागजों में 24 घंटे आपूर्ति का दावा कर रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि 10-12 घंटे ही आपूर्ति मिल पा रही है। हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कंपनी ने जिले के जहानाबाद क्षेत्र के गांव लालपुर, रंपुरा और बौनी में काम शुरू कर दिया है।
शहर में ये होने हैं काम
शहर की जर्जर लाइनें, जिन पर लोड ज्यादा है, उन्हें बदला जाना है। फीडरों का विभाजन होना है। 16-17 ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई जानी है। गैस चौराहे पर नया उपकेंद्र बनाया जाना है, लेकिन इनमें से अब तक एक भी काम शुरू नहीं हो सका है।
भाजपा की कथनी-करनी में हमेशा से ही अंतर रहा है। भाजपाई जो कहते हैं, वह करते नहीं है। जिले की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर चुकी है। बिजली आपूर्ति न होने से जनता त्रस्त है। जल्द ही इसमें सुधार न हुआ तो समाजवादी पार्टी सड़कों पर उतरेगी। – जगदेव सिंह जग्गा, जिलाध्यक्ष सपा
विभागीय अधिकारी अगर लोगों की समस्या को समझते तो अब शहर में बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने का काम शुरू हो गया होता। मगर विभाग का ढीला रैवया लोगों के लिए दिक्कत पैदा कर रहा है। शहर में रोजाना घंटों बिजली कटौती हो रही है। – राजीव सक्सेना, व्यापारी
अगर समय से काम शुरू हो जाता, तो अगले सीजन में लोगों को परेशानी नहीं होती। काम शुरू होने के बाद इसे पूरा होने में कई माह लगेंगे। ऐसे में अगले वर्ष भी गर्मी में लोगों को बिजली संकट झेलना होगा। – रोमी सिंह, व्यापारी
कंपनी को लिखित और मौखिक रूप से कई बार काम शुरू करने के लिए कहा चुका है। कंपनी को फिर से कहा जाएगा कि जल्द काम शुरू करे।