लोजपा बिहार प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के बाद से ही पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान के बीच खाई बन गई थी। रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग की इच्छा के विरुद्ध मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पक्ष में बयान देकर पारस ने इस खाई को और चौड़ा कर दी। तब चिराग की नाराजगी के कारण उन्होंने अपना बयान तो बदल दिया लेकिन ‘अपमान’ की चिंगारी सुलगने लगी, जो अब ज्वाला बन चुकी है।
लोजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद से ही चिराग पासवान बिहार की कमान अपने किसी पसंदीदा व्यक्ति को देना चाहते थे। वह पशुपति कुमार पारस को इस पद से मुक्त करने की फिराक में पहले दिन से लगे रहे। लेकिन, रामविलास पासवान की इच्छा के विरुद्ध वह यह काम कर नहीं पा रहे थे। लेकिन, रामचन्द्र पासवान की मौत के बाद उन्हें मौका मिल गया। पारस को दलित सेना का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने पर अपने पिता को सहमत करा लिये।