इमामबाड़ा स्थित आसिफी मस्जिद में सऊदी अरब सरकार के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया गया

लखनऊ में जन्नत-उल-बक़ी के विध्वंस के खिलाफ और पवित्र मज़ारों के पुनः निर्माण के लिए शुक्रवार को इमामबाड़ा स्थित आसिफी मस्जिद में सऊदी अरब सरकार के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया गया। मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद की ओर से आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में शिया उलमा और नमाज़ी शामिल हुए। जन्नत-उल-बक़ी के पुनः निर्माण की मांग करते हुए सऊदी हुकूमत के खिलाफ जमकर नारे बाज़ी की गई।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए नायब इमामे जुमा मौलाना सरताज हैदर ज़ैदी ने कहा कि जन्नत-उल-बक़ी में सिर्फ पैगम्बर मोहम्मद साहब की बेटी की क़ब्र नहीं है, बल्कि औलादे रसूल, अइम्मा ए मासूमीन, अस्हाबे रसूल और अज़्वाजे पैग़म्बर की भी क़ब्रें हैं, जिसे एक सदी पूर्व सऊदी हुकूमत ने ध्वस्त कर दिया था। सभी मुसलमानों को मिलकर बक़ी के पुनः निर्माण की मांग करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब आले सऊद की हुकूमत ख़त्म होगी और जन्नत-उल-बकी का पुनः निर्माण होगा।
दो दिन पूर्व बुधवार को ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने शहीद स्मारक पर जन्नत-उल-बक़ी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें पूरे यूपी से शिया धर्म गुरु और शिया समुदाय के लोग शामिल हुए थे। प्रदर्शन में मौलाना यासूब अब्बास ने कहा था कि 101 साल पहले किए गए जन्नत-उल-बक़ी के ध्वस्तीकरण के विरोध में और कब्रों के पुनः निर्माण के लिए हर साल अपने खून से पत्र लिखकर सऊदी दूतावास को भेजते हैं, मगर अभी तक इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई।