पीलीभीत में एक दिवसीय दौरे पर पहुंची बरेली मंडल की कमिश्नर सौम्या अग्रवाल वृक्षारोपण समिति के साथ जिले में होने वाले वृक्षारोपण की हकीकत परख रही थी तो वहीं दूसरी तरफ वन विभाग की नाकामी को उजागर करते हुए लकड़ी माफियाओं ने थाने से चंद कदमों की दूरी पर स्थित आम का हरा भरा बाग उजाड़ दिया। हैरान कर देने वाली बात यह रही कि आम का बाग उजाड़ने से पहले ना तो विभाग से कोई परमिशन ली गई और ना ही विभागीय अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी लगी।
पूरा मामला माधोटांडा कस्बे का बताया जा रहा है जहां थाने से चंद कदमों की दूरी पर स्थित एक आम के बाग में स्थित एक दर्जन से अधिक आम के पेड़ों का दिनदहाड़े कटान लकड़ी माफियाओं द्वारा कर दिया गया। हैरान कर देने वाली बात यह रही कि लकड़ी कटान से पहले ना तो बन विभाग से कोई अनुमति ली गई और ना ही वन विभाग के अधिकारियों को पूरे मामले की कोई भनक लगी।
वहीं दूसरी तरफ लकड़ी कटान का यह मामला तब सामने आया जब बरेली मंडल के कमिश्नर सौम्या अग्रवाल पीलीभीत के कलेक्ट्रेट परिसर में वृक्षारोपण समिति की बैठक के साथ बैठक कर रही थी जिसमें तमाम अफसर पीलीभीत को हरा भरा बनाने के लिए अपने-अपने विभागों को दिए गए लक्ष्य की प्रोग्रेस बता रहे थे ऐसे में वन विभाग वृक्षारोपण को लेकर कितना सजक है इसकी बानगी पीलीभीत में देखने को मिली है।
विभागीय गठजोड़ से चलता है लकड़ी कटान का खेल
यह कोई पहला मामला नहीं है कि बिना परमिट लिए हरे भरे पेड़ों का कटान किया गया हो इससे पहले भी दर्जनों ऐसे मामले सामने आए हैं जब वन विभाग से बिना अनुमति लिए लकड़ी माफियाओं ने हरे भरे पेड़ों को उजाड़ दिया। इन सभी मामलों में विभागीय स्तर की लापरवाही सामने आती रहती है अगर वन विभाग के अधिकारी सर्जक हो तो बड़े पैमाने पर होने वाले अवैध लकड़ी कटान के मामले पर रोक लगाई जा सकती है।
माधोटांडा कस्बे में हुए लकड़ी कटान के मामले में जब डीएफओ संजीव कुमार से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया बिना परमिशन के लकड़ी काटने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है अगर कहीं कुछ ऐसा हुआ है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।