पीलीभीत :गोमती नदी के किनारे स्थित ग्रामों को किया जाये ओडीएफ प्लस-जिलाधिकारी।

पीलीभीत: जिलाधिकारी पुलकित खरे की अध्यक्षता में जिला वृक्षारोपण समिति व जिला पर्यावरण समिति एवं गंगा समिति की बैठक गांधी सभागार में सम्पन्न हुई। गंगा समिति की समीक्षा बैठक के दौरान गोमती नदी के किनारे स्थित ग्रामों को ओडीएफ प्लस कराने के साथ साथ प्रत्येक ग्राम पंचायत में गंगा समिति बनाने हेतु जिला पंचायतराज अधिकारी को निर्देशित किया गया और साथ ही साथ निर्देशित किया कि यदि किसी ग्राम पंचायत में कोई बडा नाला गोमती नदी में जा रहा है तो उसके मुहाने पर कचरे की रोक हेतु व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में गोमती नदी केे किनारे सरकारी भूमि का चयन कर अधिक से अधिक वृक्षारोपण का कार्य किया जाये और साथ ही साथ नदी के किनारे स्थित तालाबों की साफ सफाई कराई जाये। उन्होंने कहा कि गोमती नदी के किनारे जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाये। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण हेतु नदी के किनारे स्थित गांवों में भी कैच द रैन के तहत डीसी मनरेगा के माध्यम से कार्ययोजना तैयार कार्य किया जाये। जीएमडीआईसी को निर्देशित करते हुये कहा कि यदि किसी औद्योगिक इकाई का कचरा गोमती नदी में जा रहा है तो उसकी भी जांच की जाये।
इसके उपरान्त जिलाधिकारी द्वारा वृक्षारोपण की तैयारियों से सम्बन्धित समीक्षा बैठक की गई। डीएफओ सामाजिक वानिकी द्वारा अवगत कराया गया कि इस वार जनपद को 38.36 लाख लगभग पौधों का वृक्षारोपण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है जो पूर्व की भांति सम्बन्धित विभागों को सम्मिलित करते हुये किया जायेगा। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने समस्त विभागों को अपनी कार्ययोजना जिसमें भूमि के चयन के साथ साथ आवश्यक पौधों की सूची के साथ सामाजिक वानिकी को उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया। इसके साथ ही साथ जिलाधिकारी ने डीएफओ सामाजिक वानिकी को निर्देशित करते हुये कहा कि विगत वर्ष में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गये वृक्षों का सत्यापन कराना सुनिश्चित किया जाये और जिन विभागों द्वारा पौधों की देखरेख में लापरवाही की गई उनके विरूद्व कार्यवाही की जायेगी।

बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रशान्त कुमार श्रीवास्तव, डीएफओ सामाजिक वानिकी, परियोजना निदेशक, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, डीसी मनरेगा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

सवांददाता: रामगोपाल कुशवाहा