पीलीभीत: जिले के ब्लाक पूरनपुर क्षेत्र के गांव नवदिया धनेश जहां पर लोग घास उसके कच्ची झोपड़ीनुमा बनाकर पन्नी डालकर रहने को मजबूर हैं, जबकि केंद्र व राज्य सरकार गरीबों के हित में बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन उनके ही अधिकारी उन दावों को फेल करते हुए नजर आ रहे हैं. जब मीडिया कर्मीयों ने इस गांव में जाकर देखा तो वहां पर इस तरह की दयनीय दशा देखी गई कि मानो इस गांव को सरकार की सभी सुविधाओं से वंचित कर दिया गया हो. जब हमारे संवाददाता ने एक परिवार से जानकारी ली तो पता चला कि लोगों की शादी को 15 से 20 वर्ष हो गए हैं, लेकिन आज तक उन्हें कोई भी सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही. इस तरह से देखा जाए कि तो इस गांव में सरकारी कर्मचारी भी नहीं पहुंच पाते होंगे. अगर इस गांव में सरकारी कर्मचारी समय से जांच के लिए पहुंचते होते तो इस गांव की यह दशा नहीं होती.
कुछ ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर पक्षपात कर लोगों को आवास दिए जा रहे. जब इस बारे में ग्राम प्रधान से जानकारी ली गई तो ग्राम प्रधान ने बताया की इन लोगों की सर्वे करा दी गई है और बहुत जल्द ही इन लोगों को आवास उपलब्ध हो जाएंगे लेकिन ग्रामीणों की माने तो इस गांव में आज तक कोई आवास के लिए सर्वे नहीं की गई है.और इसी गांव की निवासी राधिका ने बताया कि आज तक हमारे लिए शौचालय आवास या किसी भी तरह की कोई भी सुविधा ग्राम प्रधान या रोजगार सेवक के द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है.
ग्रामीणों ने बताया कि रास्ते में जलभराव की समस्या भी काफी समय से चल रही है. जिससे निकलने वाले सभी लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और गांव में पानी का अधिक भरा होने के कारण वायरस की बीमारियों का भी संकट हो रहा है.
रिपोर्ट :फूलचंद राठौर पीलीभीत