पीलीभीत जुलाई, 2021 को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक ’नई जनसंख्या नीति’ की घोषणा की गई। वर्ष 2021-2030 की अवधि के लिए घोषित इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य की जनसंख्या पर नियंत्रण
लगाना है। चीन के बाद दूसरी सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश होने तथा जनसंख्या वृद्धि दर अधिक होने के कारण देश में समय-समय पर जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए जा चुके हैं। कई राज्यों ने अपने यहां जनसंख्या नियंत्रण से सम्बन्धित प्रावधान लागू किए हैं, जिनमें दो से अधिक बच्चे होने पर पंचायत एवं नगर पालिका चुनावों से प्रतिबंधित किए जाने तथा सरकारी सुविधाओं से वंचित करने के प्रावधान शामिल हैं। इस संदर्भ में देश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक वृहद नीति के रूप में जनसंख्या नियंत्रण से सम्बन्धित कदम उठाया जाना अत्यंत ही महत्वपूर्ण है।
उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति की समय सीमा उत्तर प्रदेश सरकार के सतत विकास लक्ष्य विजन 2030 पर आधारित है। नई जनसंख्या नीति की 2026 में मध्यावर्ती समीक्षा भी की जाएगी जिसके तहत लक्ष्यों की प्रगति का आंकलन और आवश्यकतानुसार संशोधन भी किया जाएगा। जनसंख्या नीति में प्रावधानित राज्य अनुसंधान प्रकोष्ठ द्वारा नीतिगत उद्देश्यों की प्राप्ति की निगरानी निश्चित समय पर होने वाले सर्वेक्षणों और अध्ययनों के माध्यम से की जाएगी।
यह नीति ’सर्वजनहिताय, सर्वजनसुखाय’ के ध्येयवाक्य पर आधारित है इसमें यह निहित है किस भी महिलाओं और पुरूषों के साथ-साथ विशिष्ट आवश्यकताओं वाले व्यक्तियों के लिए भी गुणवत्तापूर्ण और व्यापक प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल सम्बन्धी सेवाएं उपलब्ध हों, जिसमें हर बच्चा स्वस्थ और शिक्षित हो तथा लैंगिक समानता सुनिश्चित हो। प्रदेश सरकार द्वारा घोषित इस जनसंख्या नीति में सतत् विकास लक्ष्य दृष्टिकोण 2030 को ध्यान में रखते हुए कई नीतिगत उद्देश्यों को शामिल किया गया है जैसे-जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्य प्राप्त करना, निवारण योग्य मातृ मृत्यु और बीमारियों का उन्मूलन करना, नवजात और पाँच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों की निवारण योग्य मृत्यु को समाप्त करना और उनकी पोषण स्थिति में सुधार करना, किशोर-किशोरियों के लिए यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और पोषण से सम्बन्धित सूचनाओं और सेवाओं में सुधार करना, वृद्धों की देखभाल और कल्याण में सुधार करना।
उ0प्र0 जनसंख्या नीति-2021 का सम्पूर्ण लक्ष्य जीवन की सभी अवस्थाओं में सभी लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार और सतत् विकास के प्रति व्यापक और समावेशी दृष्टिकोण को सक्षम बनाना है।
जनसंख्या नीति 2021 की प्रमुख विशेषताओं की बात करे ंतो इसमें कई विशेषताएं शामिल हैं जैसे-बुनियादी ढ़ांचा सशक्त बनाना, मानव संसाधन, आपूर्ति श्रृंखला प्रबन्धन, विभिन्न जीवनचक्र चरणों के लिए उच्च प्रभाव वाले तरीकों का प्राथमिकी करण, पहुंच योग्य और कमजोर आबादी वाले दूरस्थ समूहों की जरूरतों को पूरा करना, निजी क्षेत्र, सिविल सोसायटी और अन्य हित धारकों के साथ सहयोग और साझेदारी को मजबूत करना, सुधार के लिए एकीकृत निगरानी और डेटा का उपयोग और नीतिगत उद्देश्यों की प्राप्ति का मूल्यांकन करने के लिए समय-समय पर सर्वेक्षण किया जाना आदि। उत्तर प्रदेश के जनसांख्यिकीय और स्वास्थ्य परिदृश्य के आंकलन से पता चलता है कि राज्य अपने जनसंख्या स्थिरीकरण लक्ष्यों की प्राप्ति की ओर अग्रसर है।
प्रदेश की 2021 की जनसंख्या नीति के सुदृढ़ क्रियान्वयन से राज्य के विविध जनसंख्या समूहों की विभिन्न जीवन चरणों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने में बहुत सहायता मिलेगी।
संवाददाता रामगोपाल कुशवाहा