पीलीभीत: प्रदेश सरकार किसानों के हित में अनेकों कल्याणकारी एवं फसलोत्पादन में लाभकारी योजनाएं संचालित कर उनकी आय दोगुनी करने में भरपूर सहयोग दे रही है। किसान वर्ष भर मेहनत कर खेत की जुताई, बुआई, निकाई, सिंचाई एवं खाद डालकर फसल तैयार करता है। फसलों में विशेषकर खरीफ व रबी की फसले होती हैं। खेती किसानी में किसान के पूरे परिवार की मेहनत लगती है। समर्पित एवं कड़ी मेहनत करते हुए परिवार को अच्छे ढंग से पालन पोषण की आशा बनाये रखकर किसान फसल तैयार करता है। किन्तु यदि अधिक वर्षा, आँधी तूफान, पाला, बर्फबारी, ओले, कीट, फसली रोगों, आग आदि जैसी आपदा आ गई और फसल नष्ट हुई, तो किसान की पूरी मेहनत और लागत बरबाद हो जाती है। ऐसी स्थिति में किसान सड़क पर आ जाता है, उसकी समस्त कमाई नष्ट हो जाती है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों की ऐसी स्थितियों/परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए आपदा के दौरान नष्ट हुई फसल की क्षतिपूर्ति करने और किसानों को आर्थिक सम्बल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का जनवरी, 2016 में शुभारम्भ किया है। इस योजना के लागू होने से किसानों को बड़ी राहत मिली है। जो किसान ऋण/उधार पैसे लेकर खेती में लगाते थे, उन्हें इस योजना से बड़ा फायदा हो रहा है तथा उनकी आय में स्थायित्व भी आ रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत सरकार की इस योजना को उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर लागू किया है। इस योजना में ऋणी कृषक अनिवार्य रूप से तथा अन्य कृषक स्वैच्छिक आधार पर सम्मिलित किये गये है। बीमित राशि को फसल के उत्पादन लागत के बराबर जनपद स्तर पर अधिसूचित किया गया है। सभी फसलों हेतु वास्तविक प्रीमियम दर पर लागू किये गये है। प्रीमियम मद में कृषक की देयता को खरीफ फसल में अधिकतम दो प्रतिशत तथा रबी फसल में अधिकतम 1.5 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। नकदी व औद्यानिकी फसलों हेतु प्रीमियम मद में कृषक की देयता अधिकतम 05 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। कृषक द्वारा वहन किये जाने वाले प्रीमियर अंश से अधिक व वास्तवित प्रीमियर दर के अंतर की समस्त धनराशि को अनुदान के रूप में केन्द्र व राज्य द्वारा बराबर वहन किया जाता है। प्रदेश के प्रत्येक जनपद में फसल की उत्पादन लागत के अनुरूप बीमित राशि निर्धारित की गई है। प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ सभी इच्छुक एवं जरूरतमंद किसानों तक पहुॅचाते हुए क्षतिपूर्ति की धनराशि किसानों को समय से उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18 के खरीफ 2017 में 25.81 लाख बीमित कृषकों द्वारा 23.83 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया जिसमें से योजना के प्राविधानों के अनुरूप 4.01 लाख कृषकों को रू0 244.86 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। रबी 2017-18 में योजनान्तर्गत 28.39 लाख बीमित कृषकों द्वारा 23.24 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया, जिसमें से 1.88 लाख कृषकों को रू0 129.12 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। वर्ष 2018-19 के खरीफ 2018 में योजनान्तर्गत 31.69 लाख बीमित कृषकों द्वारा 27.41 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया जिसमें से योजना के प्राविधानों के अनुरूप 5.69 लाख कृषकों को रू0 434.27 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। रबी 2018-19 में योजनान्तर्गत 29.66 लाख बीमित कृषकों द्वारा 24.26 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया जिसमें से 0.38 लाख कृषकों को रू0 18.39 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। वर्ष 2019-20 के खरीफ 2019 में योजनान्तर्गत 23.89 लाख बीमित कृषकों द्वारा 18.89 लाख हे0 क्षेत्र में बीमा कराया गया जिसमें 6.28 लाख कृषकों को रू0 813.88 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुुगतान किया गया। रबी 2019-20 में 23.32 लाख बीमित कृषकों द्वारा 18.09 लाख हे0 क्षेत्र में बीमा कराया गया जिसमंें 3.41 लाख कृषकों को रू0 279.50 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। वर्ष 2020-21 के खरीफ 2020 में योजनान्तर्गत 22.18 लाख बीमित कृषकों द्वारा 16.88 लाख हे0 क्षेत्र में बीमा कराया गया जिसमें से 4.10 लाख कृषकों को रू0 294.80 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जा चुका है। रबी 2020-21 में 19.87 लाख बीमित कृषकों द्वारा 14.77 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया तथा माह मार्च 2022 तक 2.17 लाख कृषकों को रू0 204.93 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। वर्ष 2021-22 के खरीफ 2021 में योजनान्तर्गत 21.60 लाख कृषकों द्वारा 15.61 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया तथा मार्च 2022 तक 7.02 लाख कृषकों को रू0 654.85 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जा चुका है। रबी 2021-22 में 19.90 लाख कृषकों द्वारा 14.21 लाख हे0 क्षेत्रफल में बीमित किया गया है। जिसकी क्षतिपूर्ति प्रक्रियाधीन है। इस प्रकार वर्तमान सरकार के अब तक के कार्यकाल में कुल 281.25 लाख बीमित कृषकों द्वारा 197.19 लाख हे0 क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया, जिसमें 27.59 लाख कृषकों को रू0 3074.60 करोड़ क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया।