पीलीभीत : टाइगर गिरफ्त में, ग्रामीणों को राहत

पीलीभीत में दो माह से जंगल के बाहर आया टाइगर आज पकड़ लिया गया। टाइगर को सुरक्षित पकड़ने की चुनौती का एक बार फिर डॉक्टर्स सफलता पूर्वक सामना किया है।
दरअसल पिछले काफी समय लगभग दो महीने से एक टाइगर जंगल से निकलकर जरा, सिसैया, नदहा, पिपरिया करम व शाहगढ़ आदि गांव की आबादी के करीब पहुंच गया था। जिससे ग्रामीणों में लगातार दहशत बनी हुई थी। हालांकि इस टाइगर ने किसी इंसान को इस दौरान कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था। लेकिन आबादी में रहते खतरा बना हुआ था। टाइगर रिज़र्व की टीम ने टाइगर को जंगल में भेजने का हर रास्ता अपनाया लेकिन वह नाकाफी ही रहा। नतीजतन टाइगर को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने की अनुमति उच्च अधिकारियों से ली गई टीम का नेतृत्व डॉ दुष्यंत शर्मा कर रहे थे, उसके साथ वरिष्ठ डॉक्टर और पीलीभीत की परिस्थितियों के जानकार डॉ एसके राठौर तो मौजूद थे ही बल्कि पिछली बार सफल ट्रांकुलाइजिंग टीम के सदस्य रहे डॉ राजुल सक्सेना और डॉ दक्ष गंगवार ने भी मोर्चा संभाला हुआ था डॉक्टर्स का काफिला ट्रैक्टर पर सवार होकर निकला। डॉ दुष्यंत की नजर जल्द ही बाघ पर पड़ गई। उन्होंने तत्काल निशाना साध लिया। टाइगर जैसे ही आगे जाने के लिए मुँह घुमाया डॉ दुष्यंत ने एकदम सटीक निशाना लगाया और कुछ ही पल में टाइगर बेहोश हो गया था। जिसके बाद उसका परीक्षण किया गया। बाघ का बजन 165 किग्रा. बताया जा रहा है।
फिलहाल टाइगर को गढ़ा रेंज में लाने के बाद दुधवा नेशनल पार्क ले जाया गया। बताया जा रहा है। कि उसे होश में आने के बाद प्राकृतिक वातावरण के साथ ही रखने के इरादे से जंगल मे छोड़ दिया जाएगा।
टाइगर के पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।

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आदर्श कुमार

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