किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उनके उत्थान, सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए देश के मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कई योजनाएं संचालित की है। जिनमें प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना है, जिसके अंतर्गत किसानों को वार्षिक 6000 रू0 देते हुए किसानों को आर्थिक सम्बल प्रदान किया है। उसी तरह केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना आरम्भ किया है। जिसके अंतर्गत किसानों को 60 वर्ष के बाद 3000 रू0 मासिक 36 हजार रूपये सालाना पेंशन दी जाती है। केन्द्र सरकार की इस योजना को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में लागू कर किसानों को लाभान्वित कर रहे हैं। किसानों को वृद्धावस्था में किसी के सामने रूपयों के लिए हाथ न फैलाना पड़े, वे आत्मनिर्भर रहे, उनका मान-सम्मान बना रहे, सरकार ने इस पर विशेष ध्यान दिया है।
प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत प्रदेश के सभी लघु एवं सीमांत किसान लाभ ले सकते हैं। जिन किसानों की आयु 18 से 40 वर्ष तक है वे किसान इस योजना के अंतर्गत पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण के बाद किसान को प्रत्येक माह प्रीमियम जमा करना होगा। 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले किसान को प्रतिमाह 55 रूपये एवं 40 वर्ष की आयु के किसान को 200 रू0 महीना प्रीमियम जमा करना होता है। इस योजना के तहत 50 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान किसान द्वारा एवं 50 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है। यदि प्रदेश का कोई किसान स्वैच्छिक रूप से प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना का लाभ लेना चाहता है और वह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभार्थी है तो उसके रजिस्टेªशन के लिए किसी तरह के कागजी कार्यवाही की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि उसके सभी कागजाद प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में संलग्न है। प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए किसान अपने नजदीकी जनसेवा केन्द्र पर जाकर करवा सकते हैं।
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना वर्ष 2109-20 में प्रदेश के लघु एवं सीमान्त कृषकों को सामाजिक सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने एवं वृद्धावस्था में उनकी आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वैच्छिक रूप से पुरूष व महिला दोनों के लिए 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर रू0 3000 प्रति माह दिये जाने की एक सुनिश्चित मासिक पेंशन योजना है। यह एक स्वैच्छिक एवं अंशदायी पेंशन योजना है। प्रदेश में इस योजनान्तर्गत मार्च, 2022 तक 2,49,223 लाभार्थियों को कार्ड उपलब्ध कराया जा चुका है, जिसमें पुरूष 74 प्रतिशत एवं महिला 26 प्रतिशत हैं। इस योजना में 18-25 आयु वर्ग के 23.60 प्रतिशत, 26-35 वर्ष के 49.90 प्रतिशत तथा 36-40 आयु वर्ग के 26.40 प्रतिशत लाभार्थी हैं। वर्ष 2015-16 की कृषि गणना के अनुसार प्रदेश के लघु एवं सीमान्त कृषक परिवारों की संख्या 221.10 लाख (92.80 प्रतिशत) है। प्रदेश सरकार अधिक से अधिक लघु एवं सीमान्त कृषकों को इस योजना से लाभान्वित कराने के लिए तत्पर है।
सवांददाता: रामगोपाल कुशवाहा