पीलीभीत : पत्रकारों पर फर्जी मुकदमा दर्ज करने मामले में कम नहीं हो रही पुलिस और प्रधान की दुश्वारियां।


पूरनपुर। बरेली से प्रकाशित एक सम्मानित समाचार पत्र के पत्रकार शादाब अली व छायाकार शोएब अहमद उर्फ फूलबाबू के खिलाफ समाचार प्रकाशित किए जाने से क्षुब्ध होकर समाचार से संबंधित प्रधान की तहरीर पर मिलीभगत के चलते उत्तर प्रदेश की कोतवाली पूरनपुर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने के मामले में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया’ (PCI) हरकत के हरकत में आने के बाद इस उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, सचिव गृह विभाग (पुलिस), पुलिस महानिदेशक, पुलिस अधीक्षक पीलीभीत व संबंधित ग्राम प्रधान को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में प्रथमदृष्टया प्रेस की स्वतंत्रता पर कुठाराघात जाना बताया गया। बता दें कि पत्रकार शादाब अली ने गत 17 मई को तहसील पूरनपुर अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गहलुईया के नवनिर्वाचित प्रधान मोहम्मद इमरान खान पुत्र हाफिज सितारूद्दीन खान द्वारा चुनाव जीतने के बाद गौकशी कर समर्थकों व ग्रामीणों की दावत किये जाने संबंधित समाचार शीर्षक- (चुनाव जीतने की खुशी में समर्थकों व ग्रामीणों को दावत में प्रधान ने खिलाया गौवंशीय पशु का मांस) प्रकाशित किया था, जिस के संबंध में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक से वर्जन भी लिया गया था। बताते चलें कि संबंधित उक्त समाचार अन्य कई समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हुआ। इस प्रकाशित समाचार से उक्त ग्राम प्रधान व उसके सहयोगी क्षुब्ध थे और पत्रकार शादाब अली को लगातार अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे थे। यह पूरा प्रकरण पुलिस प्रशासन के संज्ञान में था। इसके बावजूद भी पुलिस ने उक्त ग्राम के प्रधान मो0 इमरान खां पुत्र सितारुद्दीन खां से प्राप्त तहरीर पर बिना किसी जांच अथवा साक्ष्य के पत्रकार शादाब अली व छायाकार शोएब अहमद उर्फ फलबाबू के विरुद्ध कोतवाली पुलिस ने निराधार, मनगढ़ंत व बदले की भावना से मुकदमा दर्ज कर लिया था जोकि नितांत फर्जी मनघडंत व सच्ची पत्रकारिता का दमन कर गौकशी के मामले में स्वयं को साफ बचाने की नियत से किया जाने बाला था। पत्रकार शादाब अली का आरोप है कि ग्राम प्रधान मोहम्मद इमरान खान व पुलिस अपनी नाकामियों को उजागर करने वाले खबरों से नाराज थे और सच्चाई की आवाज दबाने के लिए उनके ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज करवाया गया था। अपने उत्पीड़न से परेशान पत्रकार शादाब अली ने ‘प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया’ से आरोपियों पर कार्यवाही किये जाने की गुहार लगाई थी। जिस पर अब ‘प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया’ ने संज्ञान लिया था। अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है। भारत के राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर उक्त प्रकरण में जांच आख्या मांगी है। जिस पर मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव ने पुलिस महानिदेशक को पत्र जारी कर प्रकरण में त्वरित कार्यवाही किए जाने हेतु निर्देशित किया है। बताया जाता है कि पीसीआई के बाद राष्ट्रपति संदर्भ के साथ ही शासन स्तर से कई लेटर आने के चलते पत्रकारों को फर्जी तरीके से फसाने वालों की रातों की नींद उड़ी हुई है।