पीलीभीत: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा व्यवहरित की जा रही पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों को रू0 500/-प्रतिमाह की दर से चार तिमाही में पेंशन का भुगतान पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत 18 वर्ष से अधिक आयु की ऐसी महिलाएं जो उत्तर प्रदेश की स्थायी निवासी हो व उनके पति की मृत्यु हो चुकी हो तथा उनकी पारिवारिक वार्षिक आय रू0 2.00 लाख से अधिक न हो को पात्र लाभार्थियों के रूप में उनके बैंक खाते में पेंशन की धनराशि हस्तान्तरित की जाती है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में कुल 1731941 निराश्रित महिला लाभार्थियों को पेंशन का लाभ प्रदान किया जाता था। वर्तमान सरकार के वर्ष 2017 से अबतक इस योजना के अन्तर्गत कुल 12.37 लाख से अधिक नए लाभार्थी जुड़े हैं। प्रदेश में वर्ष 2016-17 में इस योजनान्तर्गत मात्र 1731941 निराश्रित महिलाओं को पेंशन दी जा रही थी। वहीं वर्ष 2017-18 में 1937688 लाभार्थियों को पेंशन दी गई जिसमें 205747 नये लाभार्थी थे। वर्ष 2018-19 में 313798 नये लाभार्थियों सहित 2251486 महिलाओं को पेंशन दी गई। वर्ष 2019-20 में 358445 नये लाभार्थियां सहित 2609931 महिलाओं को पेंशन दी गई। वर्ष 2020-21 में 185442 नये लाभार्थियों सहित 2795373 महिलाओं को पेंंशन दी गई। वर्ष 2021-22 (द्वितीय तिमाही) में 173286 नये लाभार्थियों सहित 2968659 महिलाओं को पेंशन दी गई। इस प्रकार वर्ष 2021-22 तक कुल 1236718 महिलाओं को पेंशन दी गई है। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु वर्तमान सरकार ने लाभार्थी की आयु की अधिकतम सीमा को समाप्त कर दिया है तथा लाभार्थियों की वार्षिक आय रू0 2.00 लाख निर्धारित की गयी। इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 तक 29.68 लाख से अधिक लाभार्थियों को वार्षिक 6 हजार रूपये देते हुए उन्हे आर्थिक सम्बल प्रदान किया गया है।
पेंशन देने के अतिरिक्त गतवर्ष में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना विशेष पैकेज के अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों को नियमित अनुदान के साथ ही रू0 500/- की 02 किश्तों में रू0 1000/- की अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की गयी है।
कोविड-19 महामारी के दौरान बहुत सी ऐसी महिलायें रही हैं जिन्होंने अपने पिता/माता/पति/पुत्र/संरक्षक के रूप में प्रियजनों को खोया है या वे एकल हैं और उनकी आजीविका प्रभावित हुई है तथा वर्तमान परिस्थितियों में उनके विभिन्न प्रकार के जोखिमों यथा उत्तर जीविता, घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, भेदभाव, दुर्व्यवहार के साथ-साथ मानव तस्करी में पड़ने की तीव्र संभावनायें हैं। ऐसी सभी महिलाओं को उनके संरक्षण तथा उन्नयन हेतु आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़े जाने के साथ-साथ जीवन यापन हेतु नवीन अवसर प्रदान किये जाने के लिये व्यापक स्तर पर कार्य किये गये है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशों के क्रम में प्रदेश में विभिन्न विभागों के समन्वय से एक व्यापक अभियान संचालित कर ऐसी महिलाओं को रोजगार से लगाया जा रहा है।