पूरनपुर से करीब छह किलोमीटर दूर गांव अमरैयाकलां में सुप्रसिद्ध संत लालबाबा मंदिर का प्राचीन स्थल है। मंदिर में बाबा कंधईदास के नेतृत्व में ग्रामीणों के सहयोग से 28 नवम्बर से चल रही श्रीमद भागवत महापुराण कथा का रविवार को अंतिम दिन प्रवचन करते हुए वृंदावनधाम से पधारे कथा व्यास पं0 रामनारायणचार्य वेदांती तथा गांव मुजफ्फरनगर से पं0 सूरज शास्त्री एवं साध्वी उपासना शास्त्री ने कहा कि घर, बर्तन आदि जब पुराने हो जाते हैं, तब उनको नया खरीदा जा सकता है, लेकिन बुजुर्ग दोबारा मिलने वाले नहीं, बुजर्ग अनमोल हैं। जिन की सेवा से उन्नत होती है। उन्होंने कहा कि मानव के तन की कीमत प्रतिदिन घटती है। खान-पान ठीक न होने से बीमारियों का शिकार होना पड़ता है। शाकाहारी बनने से बीमारियों से मुक्त मिलने के साथ शरीर निरोगी रहेगा। भागवत कथा का हवन पूजन एवं पूर्णाहुति के साथ समापन हो गया। भागवत कथा के समापन पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। धार्मिक समारोह में गांव खाता, अमरैयाकलां, सुखदासपुर, तकियादीनारपुर, गौटिया, रघुनाथपुर, रुरियासलेमपुर, पूरनपुर सहित कई स्थान के श्रद्धालु पहुंचे। भागवत कथा में बाबा कंधईदास, महेशदास, रमलीदास, द्वारिका प्रसाद, ओमकार कुशवाहा, राधेश्याम, विकास कुशवाहा, भगवानदीन, मोहन लाल, ताराचंद, श्रवण यादव, रामप्रसाद, वीरू राजपूत, वृषपाल सिंह यादव, अजयपाल, सरोज सिंह, अमरसिंह, प्रेमपाल, दिनेश कुमार, पवनकुमार, रामदेव आदि मौजूद रहे।