पीलीभीत :पूरनपुर नवाब वाला खां-मंगल खां की रियासत को हासिल करने को लगातार हो रही सियासत


पीलीभीत : पूरनपुर शेरपुर कलां में नवाबों की रियासत में दखल देने को एक और मुकदमा सिविल जज पीलीभीत में दायर किया गया है, इस मुकदमें के वादी शहाबुद्दीन खां व उनकी बेटी जरीन खां है। केस में 11 लोगों को प्रतिवादी करार दिया गया हैं।
सदियों पुरानी नवाबों की रियासत में आज भी बंटवारे के झगड़े है और अधिकतर सम्पत्ति विवादों के घेरे में है। खास बात यह है कि मालिकाना हक पाने के लिए जिस सम्पत्ति के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही है वह आधी है और आधी सम्पत्ति के वारिश 1947 में हिन्दुस्तान-पाकिस्तान बंटवारे में पाक जा चुके हैं। उनके हिस्से वाली रियासत को सरकार ने शत्रु सम्पत्ति घोषित कर दिया। आलीशान इमारतों के बंटवारे की लड़ाई आज भी जारी है। जबकि अब शेरपुर कलां में सिर्फ निशांनात बाकी है और जमीने बची हैं वो भी विवादित हो गयी है। सिविल कोर्ट में दायर केस में वालिद की ओर से पैरोकारी कर रहीं जरीन खां ने जफर बेग, अनीस खां, मो0 यूनुस खां, शाहिद खां, मसरूर बेग, तौकीर अली खां, रूबीना खान, तहमीना खान, रफत जहां, आमिर खां, फौजिया को प्रतिवादी बनाया हैं। वादी ने मकानांत को पुश्तैनी सम्पत्ति दिखाया हैं और उस पर काबिज होने की बात कही गयी हैं। साथ ही नवाब शोक खां उर्फ वाला खां की वंशावली को भी सूचीबद्ध तरीके से पेश किया गया हैं। परदादा वाला खां का जिक्र करते हुए उनके वारिश अख्तरउद्दीन खां, जहूरूउद्दीन व जहीरूद्दीन में से अख्तरउद्दीन खां की विधवा पत्नी अंजुम बेगम को निसंतान करार दिया। लेकिन उनके लिए कहा जाता है कि अंजुम बेगम के जीवन काल तक नवाबों की चल-अचल सम्पत्ति में रहने, इस्तेमाल करने की इजाजत दी गयी थी। नवाबों की सम्पत्ति को बिक्री का हक उन्हें नहीं था। 1916 का एक फैसलानामा उर्दू लिखित होना बताया गया हैं। वाला खां की तीन संतानों में जहूरूउद्दीन का परिवार पाकिस्तान चला गया और अख्तारूद्दीन खां निसंतान थे। अब शेष बचे जहरूद्दीन खां तो उनके दो बेटों में आफताबुद्दीन खां व कमरूद्दीन खां हुए। दो बेटों में कमरूद्दीन खां की दो बेटी जिनमें रूकसाना और राना हुईं। उधर, आफताबुद्दीन खां से पांच वारिशों में रफत जहां, मोईनुद्दीन खां, शहाबुद्दीन खां, फहमुद्दीन व अमीबुद्दीन हुए। इन संतानों में से शहाबुद्दीन की बेटी जरीन खां ने एक बार पुनः मामले को सुर्खियों में लाने का काम किया हैं।

रिपोर्ट: रामनिवास कुशवाह