पीलीभीत : जिलाधिकारी ने कहा कि शुल्क विनियमन अधिनियम के सभी प्राविधानों का स्वः वित्तपोषित विद्यालयों के अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि अधिनियम में निर्धारित नियमानुसार शुल्क संग्रह की प्रक्रिया खुली एवं पारदार्शिता के साथ सभी विद्यालय अपनी शुल्क रसीद सार्वजनिक करेगें। विद्यालयों द्वारा विवरण पुस्तिका एवं रजिस्टेशन शुल्क रजिस्टेशन के समय लिया जायेगा। नवीन प्रवेश के समय प्रथम वार प्रवेश शुल्क, कोशन मनी विद्यालय छोडने के 30 दिन में वापस करना सुनिश्चित किया जायेगा। शुल्क मासिक, त्रैमासिक, अर्द्ववार्षिक लिये जायेगे और शुल्क अपनी वेवासाइट पर पर्द्रशित करना अनिवार्य होगा। सभी विद्यालय द्वारा प्रत्येक शुल्क की रसीद दी जायेगी तथा किसी भी छात्र को जूते, मोजे, यूनिफार्म, पुस्तके किसी निश्चित दुकान से खरीदने हेतु बाध्य करेगें और न ही 05 वर्ष तक यूनिफार्म बदली जायेगी। शुल्क वृद्वि भी निर्धारित प्राविधानों के अनुरूप सुनिश्चित किया जायेगा, यदि कोई विद्यालय अधिनियम के विरूद्व फीस वसूली करते पाया गया तो प्रथम वार में अधिक शुल्क की वापसी के साथ साथ रू0 एक लाख तक का अर्थदण्ड समिति द्वारा लगाया जायेगा। द्वितीय वार उल्लघंन पाये जाने अधिक शुल्क वापसी के साथ रू0 05 लाख अर्थदण्ड तथा तीसरी वार उल्लघंन पाये जाने विकास निधि की अनुमति वापस लेने के साथ साथ मान्यता समाप्ति की कार्यवाही की जाये। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित करते हुये कहा कि निजी विद्यालयों द्वारा वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में लिये गये शुल्क का विवरण मॅगवाना सुनिश्चित किया जाये तथा सभी निजी विद्यालयों को उक्त शासनादेश के प्रतिलिपि सूचना हेतु भेज दी जाये तथा उसका अनुपालन करना सुनिश्चित किया जाये।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रशान्त कुमार श्रीवास्तव, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।