पीलीभीत शासन ने किसानों के हित के दृष्टिगत धान क्रय नीति में संशोधन किया गया है। भारी वर्षा के कारण किसानों को हुये नुकसान को देखते हुये सरकार ने सप्ताह में 04 दिन सोमवार से वृहस्पतिवार तक किसानों से अधिकतम 50 कु0 धान खरीद की सीमा समाप्त कर दी गई है। अब किसान भाई अपनी उत्पादकता की मात्रा के अनुसार टोकन प्राप्त कर जनपद के किसी भी क्रय केन्द्र पर अपना धान तौल करा सकते हैं। अब किसान भाई अपनी उत्पादकता के अनुसार जितना धान की मात्रा है उसी तौल टोकन प्राप्त कर सकते है, साथ ही साथ किसान भाईयों को यह सुविधा प्रदान की गई है कि अपने पास के जनपद की सीमा में स्थित धान क्रय केन्द्रों पर अपना धान तौल करा सकते हैं। किसानों को धान क्रय करने में और सुविधा प्रदान करने हेतु निबंधक सहकारी समिति उ0प्र0 के यहां पंजीकृत सहकारी समितियां व केन्द्रीय निबंधक सहकारिता नई दिल्ली के यहां पंजीकृत मल्टी सेक्टोरल/मल्टी स्टेट, कोआपरेटिव सोसाइटी खाद्य विभाग व अन्य क्रय एजेंसियों से सम्बद्व होकर क्रय केन्द्र के रूप में कार्य करने की अनुमति प्रदान की गई है, जिससे अब जनपद में अधिक से अधिक क्रय केन्द्र स्थापित हो सकेगें और किसान अपना धान आसानी से पास के क्रय केन्द्र पर तौल करा सकता है। संशोधन में कृषकों की उपज की मात्रा का आकलन 2021-22 में प्रति हैक्टेयर अनुमानित औसतन उत्पादकता को बढाकर 120 प्रतिशत के आधार पर किया गया है। इससे अधिक की मांग/आवश्यकता पाये जाने पर जिलाधिकारी द्वारा प्रस्ताव खाद्य आयुक्त को भेजा जायेगा एवं उसका परीक्षण करने के उपरान्त जनपद की उत्पादकता संशोधित की जायेगी। उक्त संशोधन से अधिक से अधिक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ प्रदान किया जायेगा। भारी बारिश के कारण धान की गुणवत्ता के मानकों में राहत देने हेतु भी प्रस्ताव प्रेषित किया गया।