पीलीभीत :जिलाधिकारी श्री पुलकित खरे की अध्यक्षता में मानव वन्य जीव संघर्ष विराम व कोरोना मुक्त ग्राम पंचायत से सम्बन्धित गोष्ठी का आयोजन विकासखण्ड पूरनपुर के ग्राम पुरैना ता0 महाराजपुर में की गई। आयोजित गोष्ठी में जंगल से लगे 29 ग्रामों के ग्राम प्रधान व आशा, एएनएम, आंगनबाडी कार्यकत्रियों व किसान बन्धुओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। गोष्ठी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य जंगल के किनारे से लगे ग्रामों में मानव वन्य जीव संघर्ष विराम हेतु गन्ने की खेती के स्थान अन्य वैकल्पिक फसलों के प्रति किसानों को जागरूक कराना है। गोष्ठी में जिला गन्ना अधिकारी व कृषि वैज्ञानिक डाॅ0 ढ़ाका द्वारा किसानों को गन्ने के स्थान पर हल्दी, लैमन घास, नीबूं, मुर्गी पालन, विभिन्न प्रकार की सब्जियों के उत्पादन के सम्बन्ध में जानकारी दी गई। साथ ही साथ गन्ना अधिकारी द्वारा विभिन्न फसलों से होने वाले लाभों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुये कहा कि गन्ने की फसल से अन्य फसलों में दो से चार गुना तक अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं। इस दौरान कृषक हर्षित द्वारा नीबूं व हल्दी की खेती से हो रहे लाभ के सम्बन्ध में बताया कि प्रति एकड़ खेती से लगभग रू0 01 लाख 80 हजार तक की बचत की जा रही है। डीएफओ टाइगर रिजर्व द्वारा किसान बन्धुओं को जानकारी देते हुये कहा कि यदि जंगल के पास के खेतों में जाये तो ग्रुप बनाकर, शोर मचाते हुये जाये, जिससे जंगली जानवर अपना रूक जंगल की ओर कर ले। जिलाधिकारी ने कहा कि किसान भाई वैज्ञानिकों द्वारा बताई गई फसलों को जंगल के पास के खेतों में अपनाये जिससे घास खाने वाले बाहर न आये। गन्ने की खेती से बाघ, तेंदुआ, भालू जैसे जानवरों के हमले का डर बना रहता है छोटी फसले होने पर यह जानवर नही आयेगें, जिससे स्वयं की सुरक्षा हो सकेगी और विभिन्न प्रकार की फसलों को उगाने से आय में वृद्वि होगी। गोष्ठी के दौरान जिलाधिकारी द्वारा जंगल के पास किसानों द्वारा गन्ना छोडकर अन्य फसल अपनाने वाले कृषक श्री रामप्रसाद, गोपाल वैरागी, हर्षित सरकार को प्रशस्ति देकर सम्मानित करते हुये अन्य कृषकों को भी प्रेरित करने हेतु प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने उपस्थित ग्राम प्रधानों से गांव के कृषकों को उक्त फसलों को अपनाने हेतु प्रेरित करने के लिए कहा गया। गोष्ठी में स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित मास्को को डब्लूडब्लूएफ द्वारा निगरानी समिति को प्रदान किये गये।
उन्होंने कहा कि इस समय सबसे महत्वपूर्ण कार्य कोरोना से अपने अपने गांव कोरोना मुक्त रखना है। इसके लिए आपके गांव में निगरानी समिति क्रियाशील रखे और कोरोना की सम्भावित तीसरी लहर से अपने गांव को सुरक्षित रखें। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति बाहर से आता है तो तत्काल सूचना प्रदान करें तथा उसके स्वास्थ्य के सम्बन्ध में भी जानकारी रखी जाये।यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को बुखार, जुकाम की शिकायत आती है तो निगरानी समिति पास उपलब्ध मेडिसीन किट तत्काल प्रदान कर दी जाये और उसकी जांच कराई जाये। उन्होंने कहा कि कोरोना से अपने गांव को सुरक्षित रखने हेतु सभी का टीकाकरण करायें। जिससे सम्भावित तीसरी लहर से गांव को सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने कहा कि कोविड टीकाकरण के सम्बन्ध में अनेकों भ्रान्तियां व्याप्त हैं, उनको दूर करते हुये लोागों को समझायें कि दूसरी लहर में जिन लोगों ने टीकाकरण कराया है वह पूरी तरह से सुरक्षित रहे हैं और यदि कोविड पाॅजटिव हुये है तो शीघ्र ही उनका स्वास्थ्य ठीक हो गया। इसके उपरान्त जिलाधिकारी ने कृषक हर्षित द्वारा की जा रही नीबूं व हल्दी की खेती का खेत में जाकर जायजा लिया गया। कृषक द्वारा अवगत कराया गया कि गन्ने की खेती से चार गुने से अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है, प्रतिदिन नीबूं तोडकर नकद रूपये प्राप्त हो जाते हैं, जिससे अन्य कार्य भी अच्छे से सम्पादित हो रहे हैं, कृषक द्वारा जनपद में हल्दी की खेती के दृष्टिगत प्रोसोसिंग यूनिट लगाने हेतु इच्छा व्यक्त की गई। इस दौरान जिलाधिकारी ने ऐसे किसानों को एपीओ बनाने के बारे में जानकारी दी गई। इसके उपरान्त अनुदान पर यूनिट स्थापित करने हेतु आवेदन के सम्बन्ध में जानकारी दी गई।
आयोजित गोष्ठी में डीएफओ टाइगर रिवर्ज श्री नवीन खण्डेलवाल, जिला गन्ना अधिकारी श्री जितेन्द्र कुमार मिश्रा, कृषि वैज्ञानिक डाॅ0 ढ़ाका सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
रिपोर्ट रामगोपाल कुशवाहा पीलीभीत