पीलीभीत:समाज के समक्ष श्रद्धा, सेवा भाव को लेकर जिलाधिकारी ने जनपद वासियों से की अपीलतेरहवीं पर घर जाकर दें खतौनी, नई परम्परा करें विकसित।

पीलीभीत /जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह की आम जनमानस से अपील की है। उन्होंने एक नई सांस्कृतिक परंपरा की ओर कदम उठाया गया है। जिलाधिकारी ने जनपद वासियों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ, सामाजिक व आध्यात्मिक आयोजनों को पारंपरिक होटलों या पार्टी स्थलों की बजाय स्थानीय गौशालाओं में मनाएं। गौशाला में जन्मदिन मनाना, हवन-पूजन के माध्यम से आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त प्राप्त होती है। गौसेवा के ज़रिए पुण्य अर्जित करना । यह पहल न केवल हमारी संस्कृति का सम्मान है, बल्कि समाज में सेवा और सहभाव का संदेश भी देती है। गौशाला में मनाने से 1001 गुना पुण्य की प्राप्ति होती है । “गौ माता की सेवा न केवल धर्म है, बल्कि यह मानवता का कर्तव्य भी है। जीवन के पावन अवसरों को गौशालाओं से जोड़ें और पुण्य के सहभागी बनें। ” गौशाला में पूजा पाठ, हवन-पूजन से घर-परिवार में शुभता, आध्यात्मिक शांति एवं सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
जिला प्रशासन की ओर से जनपद वासियों से आग्रह किया गया है कि गौ सेवा में आपकी भागीदारी ज़रूरी है आइए, मिलकर एक ऐसी परंपरा की शुरुआत करें जहाँ धर्म, सेवा, और समाज एक साथ जुड़ें। आप सबसे यह अपील है कि अगली बार जब आप कोई विशेष अवसर मनाएं तो गौशाला को ही आयोजन स्थल बनाएं।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी घर में कोई मृत्यु हो जा रही है तो उसकी विरासत दर्ज करने पर प्राथमिकता के साथ काम हो। अगर कोई विवाद नहीं है तो विरासत दर्ज कर उसके घर पर जाएं। तेरहवीं संस्कार पर अपने हाथों से परिजनों को खतौनी दें। इससे प्रशासन को लेकर जनमानस में एक अच्छा संदेश जाएगा। यह नई परम्परा आज से ही विकसित की जाए। रि हरिओम राठौर

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