पीलीभीत : राज्यमंत्री जी द्वारा सौभाग्य योजना के लाभार्थियों को प्रशस्ति पत्र एवं एलईडी बल्ब देकर सम्मानित किया गया।

पीलीभीत आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत भारत की आजादी के 75 वर्षों का उत्सव मनाने के लिए विद्युत वितरण मण्डल, पीलीभीत के सहयोग से ऊर्जा मंत्रालय द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य के पीलीभीत में गांधी प्रेक्षागृह पीलीभीत में आज दिनांक 30-07-2022 को बिजली महोत्सेव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संजय सिंह गंगवार मा0 राज्यमंत्री गन्ना विकास एवं चीनी मिले, उ0प्र0 शासन एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में मा0 विधायक बरखेडा प्रवक्तानन्द जी, मा0 जिलाध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह जी व मुख्य विकास विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, नगर मजिस्ट्रेट सहित अन्य अधिकारियो द्वारा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया। विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियन्ता एस0के0 मधुकर जी , अधिशासी अभियन्ता विद्युत श्री ज्ञानेन्द्र सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।
बिजली महोत्सुव का आयोजन राज्य और केंद्र सरकारों के बीच एक संयुक्त मंच के रूप में किया गया जिसमें बिजली के क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियों को उजागर किया गया। वर्ष 2014 में जो उत्पादन क्षमता 2,48,554 मेगावाट थी, वह बढ़कर अब 4,00,000 मेगावाट हो गई है, जो कि हमारी मांग से 1,85,000 मेगावाट अधिक है। भारत अब अपने पड़ोसी देशों को बिजली निर्यात कर रहा है। पारेषण लाइनों में 1,63,000 सीकेएम वृद्धि की गई है, जो पूरे देश को एक फ्रिकवेंसी पर चलने वाले ग्रिड से जोड़ती हैं। लद्दाख से कन्याकुमारी तक और कच्छ से म्यांमार की सीमा तक यह दुनिया में सबसे बड़े एकीकृत ग्रिड के रूप में उभरा है। हम इस ग्रिड का उपयोग करके देश के एक कोने से दूसरे कोने तक 1,12,000 मेगावाट विद्युत पहुंचा सकते हैं। हमने कॉप-21 में वादा किया था कि 2030 तक हमारी 40 प्रतिशत उत्पादन क्षमता नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से होगी। हमने तय समय सीमा से 9 वर्ष पूर्व नवंबर 2021 तक यह लक्ष्य हासिल कर लिया है। आज हम नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 1,63,000 मेगावाट विद्युत का उत्पादन कर रहे हैं। हम विश्व में तेज गति से नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता संस्थापित कर रहे हैं। 2,01,722 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ हमने पिछले पांच वर्षों में 2,921 नए सब-स्टेशन का निर्माण, 3,926 सब-स्टेशनों का संवर्धन, 6,04,465 सीकेएम एलटी लाइनों कासंस्था पन, 11 केवी की2,68,838 एचटी लाइनों का संस्थापन, 1,22,123 सीकेएम कृषि फीडरों का फीडर पृथक्करण और संस्थापित करके वितरण अवसंरचनाको सुदृढ ़किया है। वर्ष 2015 में ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतआपूर्ति का औसत 12.5 घंटे था जो अब बढ़कर औसतन 22.5 घंटे हो गया है। सरकार ने विद्युत(उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020 बनाए हैं जिसके तहत-नया कनेक्शन प्राप्त करने की अधिकतम समय सीमा अधिसूचित की गई है। रूफ टॉप सोलर को अपनाकर उपभोक्ता अब उत्पादक भी बन सकते हैं। समय पर बिलिंग सुनिश्चित की जाएगी। मीटर संबंधी शिकायतों को दूर करने के लिए समय-सीमा अधिसूचित की गई है। अन्य सेवाओं के लिए राज्य विनियामक प्राधिकरण समयसीमा अधिसूचित करेगा। वर्ष 2018 में 987 दिनों में गांवों का 100 प्रतिशत का विद्युतीकरण(18,374) का लक्ष्य हासिल किया गया। 18 महीनों में 100प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण(2.86 करोड़) का लक्ष्य हासिल किया गया। इसे दुनिया के सबसे बड़े विद्युतीकरण अभियान के रूप में जाना गया है। लोगों के लिए सौर पंपों का उपयोग शुरू करने के लिए योजना जिसके तहत – केंद्र सरकार 30प्रतिशत सब्सिडी देगी और राज्य सरकार 30प्रतिशत सब्सिडी देगी। इसके अलावा 30 फीसदी ऋण की सुविधा मिलेगी। बिजली महोत्सव सम्पूर्ण देश में उज्जवल भारत उज्जवल भविष्य पावर /2047 के तत्वा्धान में मनाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक जनभागीदारी हो और बिजली क्षेत्र के विकास को वृहद पैमाने पर नागरिकों तक पहुंचाया जा सके।
कार्यक्रम में स्थानीय स्कूलों के विद्यार्थियों ने सांस्कृति कार्यक्रम एवं नुक्कड नाटको के माध्यम से जनता को विद्युत विभाग व उपभोक्ता अधिकारो के प्रति जागरूक किया गया। साथ ही बिजली के क्षेत्र पर लघु फिल्मों का एलईडी पर संचालन कर दिखाया गया।
इस अवसर पर मा0 राज्यमंत्री जी द्वारा बिजली के लाभों पर प्रकाश डाला और कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बिजली के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गयी है। मा0 राज्यमंत्री जी द्वारा सौभाग्य योजना के लाभार्थियों को प्रशस्ति पत्र व एलईडी बल्ब देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन मंसूर अहमद शम्सी द्वारा किया गया।