पीलीभीत : मानव वन्य जीव संघर्ष, पर्यावरण और पर्यटन पर आधारित सफरनामा पुस्तक भाग दो ने प्रदेश में बनाई अपनी अलग पहचान

पीलीभीत: कलेक्ट्रेट गांधी सभागार में जिलाअधिकारी पुलकित खरे द्वारा वाइल्ड लाइफ फोटोजर्नलिस्ट बिलाल खान द्वारा संकलित हिन्दी पुस्तक सफ़रनामा भाग 02 का विमोचन किया गया।
इस कार्यक्रम का संचालन डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के परियोजना अधिकारी नरेश कुमार ने किया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पीलीभीत जिला अधिकारी पुलकित खरे विशिष्ट अतिथि सामाजिक वानिकी डीएफओ संजीव कुमार द्वारा पुस्तक का विमोचन किया गया
बिलाल के अनुसार सफ़रनामा पुस्तक का प्रथम अंक पीलीभीत टाइगर रिजर्व के परिचय पर आधारित था जिसकी लगभग 300 प्रतियों का प्रेषण सम्पूर्ण भारत में निःशुल्क वन्यजीव रक्षा हित मे किया जा चुका है।
सफ़रनामा भाग दो भारत देश में तराई आर्कलैण्ड स्केप के परिचय के साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष तथा पर्यटन पर लिखी गई है। जोकि छात्रों के उच्चतम भविष्य एवं प्रदेश के पर्यटन में चारचांद लगाएगी।
सफ़रनामा लेखक बिलाल का कहना है कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार का पुस्तक निर्माण क्षेत्र में हमको अत्यधिक मनोबलीय सहयोग मिला है।
बिलाल का मानना है कि” तराई आर्कलैंड स्केप ” पर आधारित हिंदी पुस्तक सफरनामा भाग दो का संकलन ये उनके प्रथम शोध का परिणाम है।
बिलाल ने अपनी पुस्तक सफरनामा भाग दो की शुरुआत इन शब्दों के साथ कि — पृथ्वी पर एक माता की भांति हमारा लालन -पालन सहायता और हमारा ध्यान रखने के लिए हमें अपनी प्रकृति का धन्यवाद करना चाहिए। यहां तराई क्षेत्र में पीलीभीत टाइगर रिजर्व के नाम से एक बड़ा टाइगर प्रोजेक्ट भी स्थापित है।
जिसमें सर्दियों के मध्य वन क्षेत्रों के पास ग्रामीण इलाकों में बाघों को भी आसानी से देखा जाता रहा है।
इस प्रोजेक्ट में विभिन्न जानवरों एवं पक्षियों व उनकी प्रजातियों की एक विस्तृत श्रृंखला पाई जाती है।
सफरनामा द्वितीय अंक के माध्यम से हम इस द्वितीय अंक में तराई आर्कलैण्ड स्केप की एक पूर्ण बेल्ट से भी अवगत होंगे।
सफरनामा के इस अंक अन्तर्गत आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत स्वच्छ भारत मिशन व अध्ययनरत् उच्च शिक्षा से सम्बन्धित छात्र – छात्राओं हेतु भी आवश्यक पाठ्य सामग्री भी समायोजित की गयी है ।
साथ ही सम्पूर्ण भारतवर्ष से समस्त टाइगर रिज़र्व एवं बाघों की वर्तमानित स्थिति भी इसमे संकलित की गयी है।
भारत के राज्य उत्तराखण्ड , उत्तर प्रदेश , बिहार एवं राष्ट्र नेपाल के मध्य स्थित तराई आर्कलैण्ड स्केप के अन्तर्गत एक उत्तम पर्यटन को भी दर्शाया गया है । बिलाल का मानना है यह सभी लेख भारत राष्ट्र को पर्यटन क्षेत्र मे आर्थिक रूप से शक्तिशाली बनाने में अपनी विशेष भूमिका निभा रहे हैं।
पुस्तक को अपना स्नेह देने के लिए वन्यजीवन हित में जिलाधिकारी पुलकित खरे ने नगर से लगभग 20 सहयोगी नागरिकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर पी एस सहमी, डॉ प्रभाकर शर्मा, सागर धमीजा, संदीप खंडेलवाल, चारु धवन, बरेली अजनता परिवार से रामअवतार आहूजा, अनूप अग्रवाल, एवं पर्यवारण परवेज़ हनीफ,, वरिष्ठ पत्रकार केशब अग्रवाल, धीरेंद्र सिंह देवा,अमिताभ अग्निहोत्री, सुधीर दिक्षित, अजय गुप्ता, अनूप शुक्ला, सुनील यादव, पुस्तक लेखक बिलाल खान के साथ कई गणमान्य उपस्थित रहे।